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Flower Farming: फूलों की खेती करते समय रखें ये सावधानियां, होगा अधिक मुनाफा

Flower Farming: राजस्थान में पूजा-अर्चना, त्योहार, सजावट व अन्य कार्यक्रमों में फूलों का खूब इस्तेमाल किया जाता है। फूलों की खेती नकदी फसल मानी जाती है।

जयपुरJan 30, 2025 / 05:38 pm

Kamlesh Sharma

Flower Farming
पत्रिका एग्रोटेक डेस्क/जयपुर। राजस्थान में पूजा-अर्चना, त्योहार, सजावट व अन्य कार्यक्रमों में फूलों का खूब इस्तेमाल किया जाता है। फूलों की खेती नकदी फसल मानी जाती है। मुख्यत: गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, नौरंगा प्रमुख हैं। राजस्थान में फूलों की खेती करके किसान हर रोज पैसा कमा रहे हैं। जानते हैं कि फूलों की खेती करते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए, जिससे अधिक मुनाफा हो।

जलवायु और मिट्टी

फूलों की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि आप सही जलवायु का चयन करें। कुछ फूल ठंडी जलवायु में अच्छे से उगते हैं, जबकि कुछ गर्म और नम जलवायु में। अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार फूलों का चुयन करें।

मिट्टी का परीक्षण

मिट्टी का परीक्षण करवाना आवश्यक है, ताकि आपको पता चल सके कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्त्व कम हैं और किस प्रकार की खाद की आवश्यकता है। मिट्टी का पीएच स्तर भी फूलों की वृद्धि के लिए महत्त्वपूर्ण है। फूलों की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली, जैविक तत्त्वों से भरपूर और उचित पीएच वाली मिट्टी का चयन करें।
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गुणवत्ता वाले पौधे

हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले स्वस्थ पौधे खरीदें। पौध रोपण का सही समय जानना बहुत जरूरी है। रोपण का सही समय चुनने से फूलों की वृद्धि अच्छी होती है। पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें, ताकि उन्हें पर्याप्त धूप और हवा मिल सके। अधिक घने रोपण से रोग और कीट लगने का खतरा बढ़ जाता है।

विक्रय योजना जरूरी

खेती करते समय उचित सुरक्षा उपकरण जैसे दस्ताने और मास्क पहनें, ताकि कीटनाशकों और उर्वरकों के हानिकारक प्रभावों से बचा जा सके। फूलों की खेती शुरू करने से पहले बाजार का विश्लेषण करें और देखें कि किस प्रकार के फूलों की मांग अधिक है। योजना बनाना जरूरी है।

कीट और रोग नियंत्रण

पौधों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहें, ताकि किसी भी कीट या रोग का पता जल्दी चल सके। कीटों और रोगों को नियंत्रित करने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। यदि कोई पौधा रोगग्रस्त हो जाता है, तो उसे तुरंत हटा दें ताकि रोग अन्य पौधों में न फैले।
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कटाई और भंडारण

फूलों को सही समय पर काटें, ताकि वे ज्यादा समय तक ताजा रहें। काटने के बाद उन्हें ठंडी-अंधेरी जगह पर रखें। फूलों को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए सही भंडारण करना जरूरी है।

निराई-गुड़ाई और खरपतवार नियंत्रण

खेत से खरपतवारों को नियमित रूप से हटाते रहें। खरपतवार पौधों की वृद्धि को बाधित करते हैं। मिट्टी की नियमित रूप से गुड़ाई करें, ताकि मिट्टी में हवा का संचार बना रहे। इससे जड़े अच्छी तरह से विकसित होती हैं।

खाद-पानी की सही मात्रा

फूलों को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि ज्यादा पानी न दें। ज्यादा पानी देने से जड़े गल सकती हैं। ड्रिप सिंचाई फूलों के पौधों के लिए सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। पौधों को सही समय पर सही मात्रा में खाद दें। रासायनिक खाद का कम से कम उपयोग करें।

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