नहीं है सुरक्षा के प्रबंध
ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे गड्ढ़ों के साथ नाडियों में सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं है। बारिश के दौरान पानी भर जाने पर इनमें गहराई की जानकारी नहीं हो पाती है। ऐसे में छोटे बच्चे, युवा आदि नहाने के दौरान गहरे पानी में चले जाते है और डूबने से उनकी मौत हो जाती है, जबकि जिम्मेदारों की ओर से यहां के सुरक्षा के प्रबंध करने, चेतावनी बोर्ड लगाने आदि को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है।
यहां समस्या ज्यादा
क्षेत्र के लाठी, केरालिया, नेड़ान, सनावड़ा, सांकड़ा, चाचा, थाट, केलावा, पाउपाडिया, सतासर, पुरोहितसर, एकां, फलसूंड, कजोई, पारासर, नाचना के साथ नहरी क्षेत्र में कई जगहों पर भूमि में ग्रेवल, मिट्टी, पत्थर, बजरी, जिप्सम आदि कई तरह की सम्पदाएं है। ग्रामीणों की ओर से आवश्यकतानुसार अवैध व असमान रूप से खुदाई किए जाने के कारण ऐसे बड़े गड्ढ़े हो चुके है। इन गड्ढ़ों में बारिश के दौरान पानी भर जाता है और छोटे बच्चों व युवाओं की नासमझी के कारण ऐसे हादसे होते है। इन गड्ढ़ों में नहाने से रोकने के लिए सुरक्षा के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है।
हादसों पर लगे अंकुश
ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर ऐसे खुले गड्ढ़े है। जिनमें युवाओं व बच्चों के डूबने की आशंका रहती है। जिम्मेदारों को हादसों पर अंकुश के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। - भूरसिंह राठौड़, निवासी सांकड़ा
लगे संकेतक बोर्ड
गांवों में ऐसे खुले गड्ढ़ों में पानी भरने के बाद गहराई की जानकारी नहीं हो पाती है। जिसके कारण बच्चों व युवाओं के डूबने की घटनाएं होती है। इन गड्ढ़ों के आसपास संकेतक या चेतावनी बोर्ड लगाए तो हादसे रुक सकते है।
- सुरेन्द्रसिंह भाटी, निवासी एकां
फैक्ट फाइल:- - 2-3 हादसे होते है प्रतिवर्ष ऐसे गड्ढ़ों मेे डूबने से
- 100 से अधिक गांवों व ढाणियों में है ऐसे गड्ढ़े
- 50 से अधिक जगहों पर होती है अवैध खुदाई