पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
गत वर्ष राज्य सरकार की ओर से 37 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। जिसके अंतर्गत कस्बे के गली मोहल्लों में लगी पुरानी पाइपलाइनों को बदलने एवं नई पाइपलाइनों को लगाने की योजना थी। एक वर्ष बाद भी यह योजना फाइलों में ही दबी हुई थी, जिसको लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से जून माह में प्रमुखता से सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए गए। हरकत में आए जलदाय विभाग की ओर से टेंडर की प्रक्रिया को तेज किया गया। जलापूर्ति की व्यवस्था
- पोकरण कस्बा करीब 5 किलोमीटर परिधि में फैला हुआ है।
- कस्बे में पोकरण-फलसूंड पेयजल लिफ्ट परियोजना के तहत पानी की आपूर्ति होती है।
- परियोजना के बीलिया हेडवक्र्स से पानी कस्बे के फोर्ट रोड स्थित शहरी जलप्रदाय योजना के एमबी वेल हेडवक्र्स, फलसूंड रोड हेडवक्र्स और जोधपुर रोड पर अधिशासी अभियंता कार्यालय के पीछे स्थित हेडवक्र्स पर पहुंचता है।
- इन तीन हेडवक्र्सों से अलग-अलग गली मोहल्लों में जलापूर्ति की जाती है।
- पोकरण कस्बे में 6 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है। इसके लिए 60 अलग-अलग जॉन बनाए गए है।
- गली-मोहल्लों में 72 घंटे के अंतराल में जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है।
शीघ्र शुरू होगा कार्य
टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अगले सप्ताह उच्चाधिकारियों से स्वीकृति मिलने के बाद कार्यादेश देकर दो माह में कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। नई पाइपलाइनें लगने से पेयजल समस्या से राहत मिलेगी। - संजय सोमरा, कनिष्ठ अभियंता जलदाय विभाग, पोकरण