होटलों में पड़ाव, रात में नो-रूम की स्थिति
कस्बे में देशी विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला गत कई दिनों से जारी है, लेकिन मंगलवार रात पर्यटकों की संख्या बढ़ गई। मंगलवार की देर रात दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों पर्यटक पोकरण पहुंचे। जिन्होंने कस्बे की विभिन्न होटलों में अपना डेरा डाला। ऐसे में मंगलवार रात ही कस्बे में मुख्य मार्ग पर स्थित कई होटलों में नो-रूम की स्थिति हो गई। जिसके चलते कई पर्यटकों को रामदेवरा जाकर रुकना पड़ा। रामदेवरा की होटलों में भी पर्यटकों की भीड़ नजर आई। बुधवार को भी दिनभर पर्यटकोंं की आवक अनवरत जारी रही। रामदेवरा में बाबा की समाधि के दर्शनों के साथ पर्यटकों ने पोकरण के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया।पोकरण रुककर जा रहे जैसलमेर
क्रिसमस व नववर्ष आगमन के मौके पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है। पश्चिमी बंगाल व गुजरात क्षेत्र से आने वाले देशी पर्यटक बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर पोकरण पहुंच रहे है और यहां भ्रमण एवं दोपहर के खाने के बाद जैसलमेर के लिए रवाना हो रहे है। पश्चिमी बंगाल व गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली राज्यों एवं प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, सीकर आदि कई जिलों से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे है। प्रतिदिन विदेशी पर्यटकों को भी यहां देखा जा रहा है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होटलों, ढाबों व रेस्टोरेंट्स पर रुककर नाश्ता व भोजन कर रहे है। जिससे होटलों पर रोनक नजर आ रही है।एक सप्ताह रहेगी रोनक
क्रिसमस के दिन स्कूलों की छुट्टियां शुरू हो जाती है। ऐसे में मंगलवार की रात ही पर्यटकों की आवक शुरू हो गई थी। अब लगातार नववर्ष व उसके अगले कुछ दिनों तक पर्यटकों की आवक अनवरत रूप से जारी रहेगी। ये पर्यटक ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के साथ ही रामदेवरा गांव में स्थित बाबा रामदेव की समाधि के भी दर्शन करेंगे।स्थलों को मिले पहचान तो हो सकेगा ठहराव
स्वर्णनगरी जैसलमेर विश्व के साथ ही पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बना चुका है और देश के साथ विदेशों से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। जबकि परमाणु परीक्षण के बाद पोकरण को विश्व स्तरीय पहचान तो मिली, लेकिन एक दर्जन से अधिक पर्यटक स्थल होने के बावजूद भी पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह नहीं बना सका है। यदि पर्यटन मानचित्र पर परमाणु नगरी पोकरण को जगह मिले और यहां के ऐतिहासिक स्थलों की पर्यटकों को जानकारी हो तो जैसलमेर जाने वाले इन पर्यटकों का एक दिन पोकरण में भी ठहराव हो सकता है।हो रही बम्पर आवक, ठहराव नहीं
पर्यटन सीजन के दौरान हजारों पर्यटक पोकरण होकर जैसलमेर पहुंचते है। ये पर्यटक मिड-वे के रूप में ही पोकरण को पहचानते है। यदि यहां के ऐतिहासिक स्थलों की उन्हें जानकारी हो तो पर्यटकों का एक दिन ठहराव हो सकता है और पोकरण में भी पर्यटन व्यवसाय को गति मिल सकेगी।- आसकरण गोयल, होटल व्यवसायी, पोकरण
प्रशासन प्रयास करे तो बने बात
पोकरण को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और लाल पत्थर की हवेलियों, बालागढ़ फोर्ट, कलात्मक छतरियों के साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों का विकास हो एवं पर्यटकों को अवगत करवाने के लिए प्रशासन व पर्यटन विभाग प्रयास करे तो परमाणु नगरी को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जा सकता है।- मनीष विश्नोई, पर्यटन व्यवसायी, पोकरण