प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल और एसटीएफ को तैनात किया गया, लेकिन आक्रोशित लोगों ने नहर में छलांग लगाकर अनूठा विरोध जताया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सांचौर दौरे से ठीक पहले शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए, लेकिन पुलिस ने समझदारी से मामले को शांत करवाया।
जिला दर्जा बहाल करने की मांग
बताते चलें कि सांचौर जिला संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारी जिला दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर सीलु गांव के पास एकत्र हुए। पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री के सभा स्थल तक जाने से रोक दिया, जिससे गुस्साए दो प्रदर्शनकारियों ने नहर में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया। इनमें से कुछ लोगों को स्थानीय पुलिस और गोताखोरों ने तुरंत बचा लिया। इस दौरान सुखराम विश्नोई ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सांचौर की जनता के साथ धोखा हुआ है। गहलोत सरकार ने हमें जिला दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे छीन लिया। हमारी मांग जायज है और जब तक जिला बहाल नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की मांग की, लेकिन प्रशासन ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया, जिससे स्थानीय लोग और भड़क गए।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प
प्रदर्शनकारियों में सांचौर वासियों के साथ-साथ एडवोकेट एसोसिएशन के सदस्य भी शामिल थे, जो सभा स्थल की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने नहर में कूदकर अपनी नाराजगी जाहिर की, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने दौरे के दौरान विकास योजनाओं का जिक्र किया, लेकिन जिला दर्जा बहाली पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया। सांचौर जिला संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।