scriptराजस्थान में यहां उगता है सिंदूरी अनार, गल्फ कंट्री तक है इसकी डिमांड, करोड़ों का सालाना व्यापार | huge demand for pomegranate from Jivana area of ​​Jalore, demand from farmers, processing units set up | Patrika News
जालोर

राजस्थान में यहां उगता है सिंदूरी अनार, गल्फ कंट्री तक है इसकी डिमांड, करोड़ों का सालाना व्यापार

जालोर जिले में अनार के उत्पादन से देशभर के बड़े व्यापारियों का जुड़ाव हो गया है। यहां क्वालिटी ग्रेड-फर्स्ट में 300 से 400 ग्राम तक के अनार होती है, जो अधिकतर विदेशों में एक्सपोर्ट होती हैं।

जालोरJun 06, 2025 / 05:00 pm

Rakesh Mishra

Pomegranate of Jalore

जीवाणा में होती है अनार की बंपर पैदावार। (फोटो- पत्रिका)

मात्र पांच साल में ही अनार उत्पादन के साथ इसके व्यापार के मामले में राजस्थान के जालोर जिले का जीवाणा क्षेत्र खास पहचान बना चुका। यहां से सालाना बड़ी मात्रा में अनार का व्यापार शुरू हो गया। जिले में करीब 5 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में अनार का उत्पादन हो रहा है, जिसमें से 3 हजार के करीब क्षेत्र जीवाणा और आस-पास का है, लेकिन यहां प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने से कई बार किसानों को नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार नवंबर-दिसंबर से मार्च माह तक अनार की बंपर पैदावार और उसकी खरीद के लिए देशभर के व्यापारियों की मंडियां जीवाणा में लगती है। 80 से 90 फसदी व्यापार इस अवधि में हो जाता है। व्यापारी बेहतर क्वालिटी का अनार खरीद कर उसके देश की बड़ी मंडियों और गल्फ कंट्री तक भेजते हैं, लेकिन कटा फटा और कम आकार की अनार की खरीद ये मंडी व्यापारी नहीं करते। इस अनार की बिकवाली को लेकर दुविधा किसानों के सामने होती है।

20 से 30 प्रतिशत अनार हो रहा खराब

अनार उत्पादन का बड़ा क्षेत्र जालोर जिले के साथ ही पास के बाड़मेर और बालोतरा जिलों में भी होता है। यहां अंतिम माहों में कुल उत्पादन का औसतन 20 से 30 प्रतिशत अनार खराब भी होता है। अक्सर छोटी आकार के अनार कचरे के ढेर में नजर आते हैं। यह किसानों के लिए बड़ा नुकसान है।

10 से अधिक बड़े व्यापारी करते कैंप

जालोर जिले में अनार के उत्पादन से देशभर के बड़े व्यापारियों का जुड़ाव हो गया है। यहां क्वालिटी ग्रेड-फर्स्ट में 300 से 400 ग्राम तक के अनार होती है, जो अधिकतर विदेशों में एक्सपोर्ट होती हैं। मुख्य रूप से यहां से अनार सउदी अरब, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मलेशिया, चीन, श्रीलंका, नेपाल समेत अन्य देशों तक जालोर जिले में उत्पादित सिंदूरी अनार की खूब डिमांड है। इससे किसानों को फायदा मिल रहा है।

तीन कैटेगरी का व्यापार

कैटेगरी फर्स्ट : 300 से 400 ग्राम के अनार एक्सपोर्ट क्वालिटी के होते हैं। मंडी में व्यापारी इसकी खरीद के लिए 150 से 200 रुपए प्रति किलो तक भाव अदा करते हैं।
कैटेगरी सैकंड : 100 से 200 ग्राम के अनार बड़े शहरों की मंडियों तक पैकिंग होकर पहुंचाए जाते हैं। मंडी में इस उपज का खरीद भाव 100 से 125 रुपए प्रति किलो रहता है।
कैटेगरी थर्ड : 50 से 100 ग्राम के अनार स्थानीय स्तर या छोटी मंडियों तक पहुंचता है। इस अनार का खरीद भाव 50 से 70 रुपए प्रति किलो रहता है।

कैटेगरी फोर: सीजन पूरी होने के बाद छोटी साइज और कटा फटा अनार काफी तादाद में बचता है। जिसकी खरीद और बिकवाली बहुत कम होती है। यह किसानों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द होता है।

ऊनड़ी बेहतर विकल्प : इंडस्ट्रीज एरिया की घोषणा हो चुकी

सायला क्षेत्र में औद्योगिक विकास की प्रबल संभावना है। मुख्यमंत्री ने पिछले साल ऊनड़ी में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए 20.30 हैक्टेयर भूमि आवंटन की स्वीकृति दी है। इस पूरे क्षेत्र में अनार की बंपर पैदावार होती है। अनार से जुड़े उद्योग, प्रोसेसिंग यूनिट्स और ज्यूस प्लांट्स किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अनार आधारित उद्योग स्थापित होते हैं तो किसानों की अंतिम चरण में बची और कटी फटी अनार पर जूस उद्योग स्थापित हो सकता है।
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किसान बोले-उद्योग लगे तो राहत मिले

जीवाणा और आस पास के क्षेत्र में अनार की बंपर पैदावार होती है। यह पूरा क्षेत्र अनार का हब है। अक्सर कम क्वालिटी की अनार के लिए किसानों के पास बिकवाली का विकल्प मौजूद नहीं रहता। इससे जुड़े उद्योग लगे तो राहत मिलेगी।
अम्बाराम, किसान, सांगाणा
छोटी आकार और कटी फटी अनार के भाव नहीं के बराबर ही मिलती है। सीजन के अंत में तो इन्हें बेचने में खासी दिक्कत आती है। भाव भी बहुत कम मिलती है। कई मौकों पर तो यह अनार कचरा हो जाती है। अनार प्रोसेसिंग या जूस इकाइयां लगे तो राहत मिलेगी।
गेबाराम चौधरी, किसान, जालमपुरा

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