Rajasthan District News: राजस्थान के इस जिले को रद्द करने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, इस दिन जवाब देगी भजनलाल सरकार
Rajasthan District: जस्टिस मुनरी लक्ष्मण और मनिंदर मोहन श्रीवास्तव की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 24 फरवरी को जवाब मांगा है।
Sanchore News: राजस्थान सरकार की ओर से सांचौर जिला खत्म करने के विरोध में सांचौर संघर्ष समिति का धरना लगातार जारी है। इस दौरान धरने को प्रतापपुरा के ग्रामीणों ने समर्थन देते हुए विरोध प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। धरने में शामिल होने आए ग्रामीणों ने कहा कि सरकार सांचौर की जनता के साथ भेदभाव कर रही है।
बोर्डर व दूरदराज क्षेत्र में सांचौर क्षेत्र को सुविधा देने की बजाय, दी गई गई सुविधाओं को खत्म करना गरीब व दूरदराज क्षेत्र के के लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने सांचौर जिले को पुन: बाहल करने की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
वहीं रैली निकालकर सरकार की आलोचना की। राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए बताया कि जब तक सरकार जिला बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। धरने को पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई, मोहमद शाह, पीराराम देवासी फालना, केशा राम मेहरा, किशनलाल देवासी ने भी संबोधित किया।
बार एसोसिएशन ने रखी पैन डाउन हड़ताल
जिला बहाल करने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन ने संघर्ष समिति को समर्थन देते हुए शुक्रवार को पेन डाउन हड़ताल रखी। इस दौरान न्यायालय का काम-काज प्रभावित हुआ। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बार एसोसिएशन ने जिला बहाल करने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। बार के अध्यक्ष लादूसिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने सरकार के इस निर्णय को जनभावनाओं के खिलाफ बताया । वहीं सांचौर जिले को बहाल करने की मांग रखी।
यह वीडियो भी देखें
हाईकोर्ट में पहुंचा मामला, सरकार से 24 फरवरी को मांगा जवाब
राज्य सरकार द्वारा सांचौर जिला खत्म करने के विरोध का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। जस्टिस मुनरी लक्ष्मण और मनिंदर मोहन श्रीवास्तव की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 24 फरवरी को जवाब मांगा है। याचिका में अधिवक्ता डॉ. विकास बालिया और वरिष्ठ अधिवक्ता कुणाल उपाध्याय ने सांचौर जिले के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए। वहीं सरकार की ओर से एएजी राजेंद्र प्रसाद, अनिरुद्ध सिंह शेखावत और एएजी रवींद्र सिंह झाला ने अपना पक्ष रखा। एसएस लादरेचा ने भी सरकार का प्रतिनिधित्व किया।