गौरतलब है कि 35 डिग्री से अधिक तापमान कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे की सेहत के लिए सही नहीं है। इससे उनके उत्पादन पर असर होता है। लिहाजा कड़कनाथ कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र में गर्मी से बचाने के लिए कूलर लगाए जाना है। वर्तमान में कड़कनाथ को नियमित इलेक्ट्रोलाइट पाउडर के साथ विटामिन सी, प्याज और बी कॉप्लेक्स की खुराक भी दी जा रही है। जिससे उनकी सेहत सही रहे और अंडे व चूजे का उत्पादन प्रभावित न हो।
तीन तरह का होता है कड़कनाथ
जेड ब्लैक: पंख पूरी तरह से काले होते हैं। पेंसिल्ड: जिस तरह पेंसिल से शेड बनाया जाता है उसी तरह के शेड कड़कनाथ के पंख पर नजर आते हैं। गोल्डन: इस कड़कनाथ के पंख पर गोल्डन छींटे दिखाई देते हैं।
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06 हजार मुर्गियों को रखने की क्षमता है शासकीय कड़कनाथ कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र में
35 डिग्री से अधिक तापमान होने पर कड़कनाथ चूजे का उत्पादन प्रभावित होता है
37.2 डिग्री पर पहुंच गया है अधिकतम तापमान
कड़कनाथ को गर्मी से बचाने के लिए खुराक बदली गई है। इससे उन्हें हीट स्ट्रोक न हो। चूंकि अब गर्मी बढ़ रही है और ऐसे में बाहरी तापमान के साथ कमरे के आंतरिक तापमान में भी इजाफा होगा। इसलिए हेचरी के बाहर कूलर लगाए जाएंगे। जिससे चूजों के उत्पादन पर असर न हो।- डॉ. एएस दिवाकर, प्रबंधकशासकीय कड़कनाथ कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र, झाबुआ