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झालावाड़

महात्मा गांधी स्कूलों में परीक्षा के छह माह बाद भी नियुक्ति नहीं, कई स्कूलों में हो गया शून्य नामांकन

हरिसिंह गुर्जर एक्सक्लूसिव झालावाड़.जिले के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में रिक्त पद शिक्षा अधिकारियों के लिए गलफांस बने हुए है। जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने से अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश नहीं करवा रहे हैं। इसी के चलते कई स्कूलों में नामांकन शून्य हो गया है। अगर ऐसे ही […]

झालावाड़Jan 30, 2025 / 11:25 am

harisingh gurjar

हरिसिंह गुर्जर

एक्सक्लूसिव

झालावाड़.जिले के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में रिक्त पद शिक्षा अधिकारियों के लिए गलफांस बने हुए है। जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने से अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश नहीं करवा रहे हैं। इसी के चलते कई स्कूलों में नामांकन शून्य हो गया है। अगर ऐसे ही शिक्षकों की कमी बनी रही तो जिस मकसद से अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गए थे, उनका मकसद पूरा नहीं होगा। हालांकि विभाग द्वारा इन स्कूलों में रिक्त पदों को भरने के लिए चयन परीक्षा-2024 में करा ली गई है। लेकिन चयनित शिक्षकों को पदस्थापना अभी तक नहीं दिया गया है। इसी के चलते शिक्षा अधिकारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले 10 फीसदी बोनस के चलते परिणाम में देरी हुई। अब दिसंबर माह में परिणाम जारी होने के बाद 3 जनवरी को प्रदेश के 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की समीक्षा के लिए चार सदस्यों की एक समिति बनाई है, ये समिति नए सिरे से इन स्कूलों का रिव्यू करेंगी। ऐसे में 16 जनवरी को चयनित शिक्षकों से पदस्थापना के लिए ऑनलाइन विकल्प लेने के 15 दिन बाद भ जिला आवंटन नहीं हो पाया है।

संभावना ये भी है

– सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में 22 जनवरी को समिति की बैठक हो चुकी है। जिसे देखते हुए संभावना ये जताई जा रही है कि जिस तरह से पिछले दिनों हिन्दी माध्यम के शून्य नामांकन वाले स्कूलों को पास के स्कूल में मर्ज किया गया है, उसी तरह से अंग्रेजी माध्यम के जिन स्कूलों में शून्य नामांकन है उन्हे भी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में मर्ज किया जा सकता है, या फिर से हिन्दी माध्यम किया जा सकता है।

इसलिए अटक गया पदस्थापन-

समिति के निर्णय का इंतजार प्रदेशभर में हो रहा है। ऐसे में इस उठापटक के चलते करीब 30 हजार शिक्षकों का पदस्थापन भी अटक गया है। कई शिक्षक पदस्थापन के चलते इधर-उधर चक्कर काट रहे हैं। प्रदेश में इतने स्कूल- पूरे प्रदेश में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के 3737 स्कूल है। जिनमें करीब 17500शिक्षकों के पद रिक्त बताए जा रहे हैं। वहीं मार्च में बोर्ड परीक्षाएं व अप्रेल में स्कूल स्तर पर होने वाली वार्षिक परीक्षाएं होने वाली है। लेकिन शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों का कोर्स कब पूरा होगा। ये चिंता भी विद्यार्थियों को सता रही है। जिले में अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूल 26 है, जिनमें शिक्षकों की कमी के चलते प्रधानाचार्यों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले संस्थाप्रधान को अपने स्तर से शिक्षक लगाने की पावर थी, लेकिन इस बार वो भी नहीं दी गई है।

जिले के कुछ महात्मा गंाधी स्कूल में शून्य नामांकन की एक बानगी

– महात्मा गांधी स्कूल पिड़ावा- सभी कक्षाओं में शून्य नामांकन – महात्मा गांधी स्कूल हेमडा- एलकेजी व यूकेजी व कक्षा 9 से 12वीं तक शून्य नामांकन
-महात्मा गांधी स्कूल ठिकरिया- कक्षा 10 में शून्य नामांकन, कक्षा 11 व 12 में एक-एक छात्र

– महात्मा गांधी स्कूल,लाल बाग झालरापाटन-नर्सरी यूकेजी व कक्षा 9 से 12वीं तक शून्य नामांकन

-महात्मा गंाधी मोतीलाल नेहरू-नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी व कक्षा 9 वीं व 12वीं तक शून्य नामांकन ये उच्च स्तर का मामला है
– महात्मा गांधी स्कूलों में परीक्षा के बाद शिक्षकों की काउंसिलिंग का मामला उच्च स्तर से अटका हुआ है।

शून्य नामांकन के लिए उच्च स्तर पर एक समिति बनाई गई है, उसका निर्णय आने के बाद कुछ होगा। लेकिन महात्मा गांधी स्कूल मर्ज होंगे या नहीं ये राज्य सरकार के स्तर का मामला है।

रामसिंह मीणा, सीडीईओ, झालावाड़।

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