उड़न दस्तों का होगा गठन
जिला स्तर पर मुय जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) केे स्तर पर उडऩ दस्तों का गठन किया जाएगा। 6 लाख विद्यार्थियों की होगी परीक्षा
इसमें प्रदेश के लगभग 6 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा होगी। इसमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गृह विज्ञान, भूगोल, चित्रकला, कप्यूटर, संगीत की प्रायोगिक परीक्षा आयोजित होगी। प्रायोगिक परीक्षा बोर्ड द्वारा जारी पाठ्यक्रम अनुसार सपन्न कराई जाएगी और बोर्ड द्वारा जिले के राजकीय विद्यालयों के शाला दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत विषय अध्यापकों से सपन्न कराई जाएगी।
प्रभावी होगी कार्रवाई
बोर्ड द्वारा नियुक्त परीक्षक की सूची विद्यालयों के लॉगिन आईडी पर भिजवाई जाएगी। परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग, दुर्व्यवहार आदि की रोकथाम के लिए राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1992 प्रभावी है। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बोर्ड कार्यालय में 19 दिसबर को बैठक ली थी इसमें उन्होंने बिना कॉफी जांचें अंक देने के मामले में नाराजगी जताई थी और कहां था कि इसकी पुनरावृति दोबारा नहीं होनी चाहिए। कुछ छात्र कोचिंग की तैयारियों के लिए स्कूल में डमी प्रवेश ले लेते है। इस तरह की शिकायतें बोर्ड के सामने आ रही थी स्कूलों में परीक्षिकों की खातिरदारी करके प्रायोगिक परीक्षा की औपचारिकता निभाई जा रही थी। इसलिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान ने फोटो सिस्टम लागू कर बोर्ड निर्देश दिए है प्रयोगशाला की संया के अनुसार ही बैंच बनाकर परीक्षाएं करवाई जाए। परीक्षा कार्यक्रम तय कर सूचना बोर्ड कार्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को सूचना देनी होगी। सामान्यत एक दिन में दो बैच की प्रायोगिक परीक्षाएं ली जाएगी लेकिन प्रयोगशाला की क्षमता अधिक है तो एक दिन में तीन बैच की परीक्षा भी ली जाएंगी। आवंटित परीक्षार्थीयों में यदि कोई परीक्षार्थी अनुपस्थित रहता है तो उसकी परीक्षा प्रधानाचार्य की अनुमति से उसी विद्यालय में लिए जा रहे अन्य बैच के साथ सपन्न कराई जा सकती है। जो परीक्षार्थी आवंटित नही है उसकी परीक्षा बिना बोर्ड निर्देशों के नहीं ली जा सकती है।
इससे परीक्षा की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी और विश्वसीनता बनी रहेगी। मेघावी छात्रों के साथ न्याय होंगा।
सुरेन्द्र कुमार जैन, शिक्षाविद् झालावाड़