औसत भर्ती रहते हैं 80 से सौ मरीज
जिले में बढ़ते मरीजों की िस्थति का इस बाद से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीडीके अस्पताल में हर महीने औसतन 80 से सौ मरीज भर्ती रहते हैं। जिन्हें दवा और कीमोथेरेपी की सुविधा दी जाती है। रेडियोथेरेपी और बायोप्सी की सुविधा नहीं होने पर जयपुर एसएमएस रैफर किया जाता है। बीते दो सालों से जिले में कैंसर रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले यहां पर हर महीने महज 25-30 रोगी आउटडोर पहुंचते थे। लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर तीन सौ पर पहुंच गया है। कैंसर पीडि़त महिला मरीजों को फीमेल व कैंसर पीडि़त पुरुष को मेल वार्ड में भर्ती कर दवा दी जाती हैं।
ब्रेस्ट और गले के कैंसर के ज्यादा आ रहे रोगी
बीडीके में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा ब्रेस्ट और गले की कैंसर के रोगियों की है। इसके अलावा फेफड़ों, मुंह और पेट के कैंसर के मामले भी सामने आने लगे हैं।
कैंसर डे केयर सेंटर खुलने की उम्मीद बंधी
रविवार को जारी किए गए कैंद्रीय बजट में कैंसर डे केयर सेंटर खोलने की घोषणा की गई। इसके तहत जिला अस्पताल में कैंसर डे केयर सेंटर खुलने की उम्मीद बंधी हैं। इसके खुलने के बाद रोगियों को कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी, डॉक्टरों और नर्सों की निगरानी में दवा, रेडिएशन थेरेपी और इसके बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स को मैनेज करने की सुविधा मिलती है। जरूरत पड़ने पर रोगी को ब्लड ट्रांसफ्यूजन, एंटीबायोटिक्स, हाइड्रेशन थेरेपी और न्यूट्रिशनल सपोर्ट दिया जाता है।
छोड़ें जर्दा-गुटखा
अगर आप जर्दा-गुटखा खा रहे हैं तो सावधान हो जाएं। इसे आज ही छोड़ने का संकल्प लें। सरकार खुद चेतावनी जारी कर रही है कि जर्दा गुटखा खाने से भी कैंसर हो सकता है। इनका कहना है…. कैंसर के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। ज्यादा ब्रेस्ट और गले के कैंसर के रोगी आ रहे हैं। औसतन 80 से सौ मरीज भर्ती रहते हैं, जिन्हें कीमोथेरपी और दवा देते हैं। बायोप्सी और रेडियोथेरेपी की सुविधा नहीं है। मरीज का फ्लूड लेकर सैंपल जयपुर एसएमएस भेजते हैं। एक विषय विशेषज्ञ चिकित्सक को लगा रखा हैं।
डॉ. राजवीर राव, पीएमओ बीडीके अस्पताल, झुंझुनूं