सनम ने बेटी स्नेहा को गोद लिया और उदयपुरवाटी में स्थित अपने आवास पर रखा है। स्नेहा के लिए मकान के माहौल को बदला गया है। मकान पर बिटिया स्नेहा के लिए एक मंजिल को रिजर्व रखा गया है, ताकि स्नेहा पर किन्नर समाज के माहौल का असर ना पड़े। किन्नर सनम बाई ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि बेटी को गोद लेने के पीछे यही सोच है कि जब किन्नर वर्ग समाज के अन्य वर्गों की तरह वोट देता है, समाज के प्राकृतिक व कृत्रिम संसाधनों का उपयोग करता है तो बेटी को पालकर हमें समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहिए।
सामाजिक सरोकारों में रहती हैं आगे
किन्नर सनम बाई सामाजिक सरोकारों में अग्रणी रहती हैं। गुरु राजू हाजी की प्रेरणा से किन्नर सनम बाई एक दर्जन से अधिक जरूरतमंद बेटियों की शादी में लाखों रुपए की नकदी और उपहार दे चुकी हैं। सनम बाई का कहना है कि जब हम समाज से लेते हैं तो समाज को लौटाना भी चाहिए। हाल ही में किन्नर सनम बाई ने लोगों को कंबल बांटे।
बेटी को गोद लेने के लिए आगरा स्थित अनाथालय से पूरी प्रक्रिया संपन्न की गई है। अनाथालय प्रशासन ने उदयपुरवाटी आकर फिजिकल वेरिफिकेशन किया और इसके बाद बिटिया को सुपुर्द किया। बेटी स्नेहा के लिए एफडी भी करवाई गई है। अगली साल से स्नेहा का स्कूल में दाखिला करवाया जाएगा। सनम कहना है कि मां के ममत्त्व अहसास के लिए बेटी को गोद लिया है और उसको डॉक्टर बनाने का सपना है। उनके घर में बेटी के लिए बारात आए और कन्यादान करने का सौभाग्य मिले।