Jhunjhunu Crime News: टंकी पर पानी भरने गई एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर सुनसान स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी युवक को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में दोषी को अतिरिक्त दो साल का कारावास भुगतना होगा। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) इसरार खोखर की अदालत ने उदयपुरवाटी क्षेत्र के देवीपुरा बणी निवासी कैलाश कुमार पुत्र घड़सीराम बावरिया को यह सजा सुनाई है।
नाबालिग की मां ने 10 अक्टूबर 2020 को उदयपुरवाटी थाने में रिपोर्ट दी थी कि एक दिन पहले वह लावणी के लिए खेत में गई हुई थी। शाम को घर आई तो उसकी 14 वर्षीय पुत्री ने उसे बताया कि वह टंकी पर पानी भरने गई थी। तभी, आरोपी कैलाश वहां आया और उसे यह कहकर अपने साथ ले गया कि उसकी मां ने काम पर बुलाया है। वह उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर नवलगढ़ ले गया, जहां खिरोड़ गांव के समीप एक सुनसान जगह पर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस ने कैलाश कुमार के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर चालान पेश किया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ठ लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू ने इस्तगासा पक्ष की ओर से 15 गवाह और 41 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। न्यायाधीश ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी कैलाश कुमार को दोषी मानते हुए फैसले में लिखा कि यह अपराध न केवल गंभीर प्रकृति का है, बल्कि समाज और नैतिक मूल्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है।
यह सजा सुनाई गई
आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा, धारा 366 में भी सात वर्ष का कठोर कारावास व 30 हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 363 में आरोपी को पांच वर्ष का और कठोर कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है। सभी मूल सजाएं साथ-साथ चलेगी। अर्थदण्ड की राशि जमा होने पर पीड़िता को दिलाए जाने के साथ-साथ ही राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम के अनुसार बने नियमों के अधीन पीड़िता को पुर्नवास व क्षतिपूर्ति स्वरूप के लिए पीड़ित प्रतिकर के रूप में देने के सम्बन्ध में विधिक सेवा प्राधिकरण को भी निर्देशित किया गया है।