Jodhpur: दशकों पुराना इंतजार आंखों से बह निकला, 964 विस्थापित अब भारतीय, मिली पहचान और सम्मान
जनगणना कार्य निदेशालय, राजस्थान के निदेशक विष्णु चरण मल्लिक ने इस ऐतिहासिक क्षण को विस्थापितों के संघर्ष, धैर्य और उम्मीद की जीत बताते हुए सभी नव-नागरिकों को बधाई दी।
नागरिकता प्रमाण पत्र लेते पाक विस्थापित। फोटो- पत्रिका
जनगणना कार्य निदेशालय, राजस्थान के निदेशक विष्णु चरण मल्लिक ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित नागरिकता प्रमाण-पत्र वितरण शिविर में 964 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपे। जैसे ही नागरिकता प्रमाण पत्र हाथों में आया, दशकों पुराना इंतजार आंखों से बह निकला। चेहरे पर संतोष और हृदय में भारत माता से जुड़ाव की अनुभूति स्पष्ट झलक रही थी। विस्थापन की पीड़ा अब भारतीय नागरिक होने के गर्व में परिवर्तित हो गई।
मल्लिक ने इस ऐतिहासिक क्षण को विस्थापितों के संघर्ष, धैर्य और उम्मीद की जीत बताते हुए सभी नव-नागरिकों को बधाई दी और कहा कि आज आपने केवल कागज नहीं, बल्कि अपनी पहचान पाई है।
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कलक्टर गौरव अग्रवाल ने उपस्थित लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपकी भारतीय नागरिकता की औपचारिक शुरुआत है। केंद्र और राज्य सरकारें आपके कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत हैं। ये 964 प्रमाण पत्र केवल संख्या नहीं, बल्कि 964 संघर्ष और साहस की कहानियां हैं।
जारी रहेगा नागरिकता का क्रम
अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर प्रथम) उदय भानु चारण ने बताया कि दो दिवसीय नागरिकता प्रमाण पत्र वितरण शिविर शनिवार को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि गुरुवार को कुल 964 पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं।