scriptMahaKumbh 2025 Stampede: महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान हुआ था दर्दनाक हादसा, जोधपुर के संतों और श्रद्धालुओं ने सुनाई आंखों देखी | After the stampede in MahaKumbh 2025, saints of Jodhpur took care of the devotees of Marwar | Patrika News
जोधपुर

MahaKumbh 2025 Stampede: महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान हुआ था दर्दनाक हादसा, जोधपुर के संतों और श्रद्धालुओं ने सुनाई आंखों देखी

Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के चलते जिन आश्रय स्थल व अखाड़े में रहने की व्यवस्था की गई थी, वह सब दो दिन पहले ही फुल हो गए। लोगों को आश्रय स्थल नहीं मिले तो घाट पर और सड़क किनारे ही लोग सो गए।

जोधपुरJan 30, 2025 / 01:23 pm

Rakesh Mishra

MahaKumbh 2025 Stampede

पत्रिका फोटो

अविनाश केवलिया

Mahakumbh 2025 Updates: मौनी अमावस्या का अमृत स्नान करने के लिए उम्मीद से ढाई गुना लोग पहुंचे। मंगलवार शाम से ही संगम की ओर जाने के लिए लोगों में होड़ थी। मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या और अमृत स्नान के वक्त जो हमने देखा, वह काफी विचलित करने वाला था। भगदड़ की सूचना के बीच लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए आगे बढ़ रहे थे। अनहोनी के बाद महाकुंभ में मौजूद मारवाड़ के संतों ने क्षेत्र के श्रद्धालुओं को संभाला और कहीं भी स्नान की सलाह दी।

संत रामप्रसाद महाराज की अपील

झूंसी क्षेत्र के सेक्टर 18 में रामधाम खेड़ापा में संत रामप्रसाद महाराज मौनी अमावस्या का विशेष स्नान करने पहुंचे। भगदड़ की सूचना के बाद महाराज जोधपुर और मारवाड़ के लोगों से मिले और अपील की कि संगम की ओर न जाएं। उन्होंने मौनी अमावस्या के दिन स्नान का महत्व बताया, जबकि किसी भी घाट पर स्नान किया जा सकता है।

माइक पर अपील

सुबह के पांच बजते ही भगदड़ के समाचार मिले तो श्रद्धालुओं से जल्द घाट छोड़ने की अपील की गई। कई लोग वापसी मार्ग से भी बेरीकेड को क्रॉस कर संगम घाट की ओर जाने लगे, लेकिन सुरक्षा बलों ने सख्ती दिखाई।

जगह नहीं मिली तो घाट और सड़क किनारे सोए

मौनी अमावस्या के चलते जिन आश्रय स्थल व अखाड़े में रहने की व्यवस्था की गई थी, वह सब दो दिन पहले ही फुल हो गए। लोगों को आश्रय स्थल नहीं मिले तो घाट पर और सड़क किनारे ही लोग सो गए।

सुबह 4 बजे

शहर के बीच में त्रिवेणी रोड से होकर जब संगम की ओर आगे बढ़े, तभी सूचना मिल गई थी कि संगम घाट की तरफ हादसा हो गया है। मेला स्थल पर जाने के लिए प्रशासन ने अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से प्रवेश द्वार बना रखे थे, लेकिन सभी रास्तों पर लोगों का हुजूम था। भगदड़ को देखते हुए पुलिस ने वायरलेस मैसेज के आधार पर भीड़ को डाइवर्ट करना शुरू किया।

संगम तक पहुंचने में लगे तीन घंटे

शहर की तरफ से प्रवेश करने के बाद संगम घाट तक पहुंचने के लिए तीन घंटे का समय लगा। उसमें भी कई जगह सुरक्षाकर्मियों को परिचय देकर पहुंचे। मुख्य संगम घाट जहां पर अखाड़े का अमृत स्नान होना था, वहां पर प्रवेश रोक दिया गया। प्रशासन अन्य सहायक घाटों पर लोगों को स्नान करने की अपील कर रहा था। महिला स्थल में प्रवेश करने और घाट पर स्नान करने के बाद बाहर निकलने में 6 घंटे से ज्यादा का समय लगा।

एक से दूसरे पुल की ओर घुमाया

मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर ही पैंटून पुल पर लोगों की भारी आवाजाही के कारण सिर्फ 18 और 19 नंबर पुल को खुला रखा गया था। वापसी के लिए 14 और 15 नंबर पुल था, जो कि नदी के दो तरफ के घाटों को आपस में जोड़ रहा था, लेकिन लोगों को एक पुल से दूसरे पुल की ओर घुमाया जा रहा था। इससे लोगों का सब्र भी धीरे-धीरे टूटने लगा।

अस्पताल में नहीं दिया प्रवेश

मेला परिसर में ही बने केंद्रीय अस्पताल में सुबह के 4:30 बजे जब हम बाहर से गुजर रहे थे तो एंबुलेंस लगातार मरीजों को लेकर पहुंच रही थी। रात के करीब दो बजे हुई भगदड़ के बाद करीब चार घंटे तक एंबुलेंस हताहत लोगों को लेकर पहुंच रही थी। हमने परिचय देकर अस्पताल में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन अनुमति नहीं मिली।
यह वीडियो भी देखें

नाकेबंदी कर बंद किए रास्ते

प्रयागराज महाकुंभ गए जोधपुर के दिनेश पिन्टू सारस्वत ने बताया कि जिस सेक्टर में भगदड़ मची, मारवाड़ के लोग उस सेक्टर में नहीं थे। जगह-जगह नाकेबंदी कर चारों ओर के रास्ते बंद कर दिए गए। श्रद्धालु भटक रहे थे। इसी प्रकार कृपाराम शर्मा ने बताया कि मौनी अमावस्या की शाही स्नान के लिए काफी किलोमीटर पहले ही रात 2 बजे से ही जाम लग गए। श्रद्धालु इधर-उधर भटकते रहे।
जोधपुर के ही सचिन जोशी ने बताया कि शाही अमृत स्नान की व्यवस्थाओं की कोई कमी नहीं थी। कल रात हादसा ज्यादा लोग आने की वजह से हुआ। रात करीब 1.30 बजे स्नान किया, तब एकाएक भीड़ बढ़ी और ये हादसा हुआ। फिर भी प्रशासन पूरा एक्टिव था। तुरंत 60-70 एंबुलेंस आई और मृतकों व घायलों को अस्पताल ले गए। आपको बता दें कि इस भगदड़ में अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। वहीं 60 घायल हुए हैं।

Hindi News / Jodhpur / MahaKumbh 2025 Stampede: महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान हुआ था दर्दनाक हादसा, जोधपुर के संतों और श्रद्धालुओं ने सुनाई आंखों देखी

ट्रेंडिंग वीडियो