पत्रकार वार्ता में लवली के परिजन व अधिवक्ता वाई के शर्मा ने आरोप लगाया कि 13 अक्टूबर 2021 को पुलिस एनकाउंटर में लवली कण्डारा की हत्या की गई थी। एनकाउंटर के दौरान लवली के सीने में तीन गोलियां लगी थी। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीन की जगह दो गोलियां ही दिखाई गईं थी। लवली को पकड़ने के लिए जांच अधिकारी की बजाय तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम व चार सिपाही निजी कार से मौके पर गए थे। थानाधिकारी ने जिस रिवॉल्वर से गोलियां चलाईं थी वो एडीसीपी के गनमैन की थी।
तत्कालीन थानाधिकारी व सिपाहियों की थाने से रवानगी का समय रोजनामचे में गलत डाला गया था। एनकाउंटर के बाद परिजन को साथ लेकर एफआइआर दर्ज करवाई जानी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने मृतक व साथियों के खिलाफ ही जानलेवा हमले का मामला दर्ज कर लिया था। लवली की मां उषा देवी ने सीबीआइ से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
एफएसएल जांच पर भी सवालिया निशान उठाए
परिजन व अधिवक्ताओं ने एनकाउंटर की एफएसएल और सीन रिक्रिएशन के दौरान जांच को भी गलत होने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पुलिस ने लवली की ओर से दो गोलियां चलने का दावा किया है। एक गोली कार की लोहे की चद्दर चीरकर डैशबोर्ड तक पहुंचना बताया गया था। जबकि दूसरी गोली कार के आगे बम्पर लगने का आरोप लगाया गया था। यह गोली प्लास्टिक के बम्पर में पूरा सुराग तक नहीं कर पाई थी। जो संदेहास्पद है। एफएसएल ने क्राइम सीन रिक्रिएशन में गोली की दिशा व एंगल सही नहीं निकाला। न ही कौन सी गोली कितनी दूरी से चली इसका खुलासा कर पाई।