आसाराम को सूरत के अपने आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में यह जमानत मिली है। हालांकि आसाराम के जेल से बाहर निकलने की संभावना कम है। दरअसल आसाराम नाबालिग से भी रेप का दोषी है। वह जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। ऐसे में अब दूसरे केस में जमानत अर्जी लगाने की तैयारी चल रही है, यह जमानत अर्जी जोधपुर हाईकोर्ट में लगाई जाएगी।
इंदौर से हुआ था गिरफ्तार
आपको बता दें कि 2 सितंबर 2013 को आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से गिरफ्तार किया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 25 अप्रेल 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अगस्त 2004 में आसाराम को पहली बार इलाज के लिए 7 दिनों की पैरोल मिली थी। इसके बाद दूसरी बार 30 दिन के इलाज के लिए नवंबर 2024 को पैरोल मिली थी। 15 दिसंबर को तीसरी बार 17 दिन की पैरोल मिली थी। इसमें 15 दिन इलाज और दो दिन यात्रा के लिए आकस्मिक पैरोल स्वीकृत किया गया था।
कोर्ट ने दी थी सशर्त पैरोल
पहली बार जब आसाराम को कोर्ट से पैरोल मिली थी, तब उस पर कई शर्तें भी लगाई गई थीं। इस दौरान आसाराम ने महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक आयुर्वेद अस्पताल में अपना इलाज करवाया था। इसका खर्च आसाराम ने खुद वहन किया था। इस खर्च में राजस्थान पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस की टीम का खर्च भी शामिल था। इसके साथ ही विमान के किराए का खर्च भी आसाराम को खुद देना पड़ा था। दूसरी बार पैरोल मिलने पर आसाराम ने
जोधपुर के निजी आयुर्वेद संस्थान में अपना इलाज करवाया था। इसके बाद तीसरी बार पैरोल मिलने पर वह फिर से पुणे अस्पताल गया था।
रेप के दो मामलों में मिली है उम्रकैद
आसाराम दो जघन्य मामलों में सजा काट रहा है। आसाराम को अपने आश्रम में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में 2013 में जोधपुर पुलिस ने इंदौर के एक आश्रम से गिरफ्तार किया था। लंबी सुनवाई के बाद आसाराम को 2018 में पॉस्को एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं, दूसरा मामला आसाराम के गुजरात स्थित गांधीनगर आश्रम से जुड़ा है। जहां की एक महिला अनुयायी ने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। सूरत की रहने वाली पीड़िता ने आसाराम पर 2013 में आश्रम में बार-बार उससे बलात्कार करने का आरोप लगाया। गांधीनगर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद जनवरी 2023 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।