थानाधिकारी शिवलाल मीणा ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार नेपाल में माछम निवासी राज खड़का, कैलाली निवासी राजकुमार, सुरेशसिंह व इन्द्र उर्फ गणेश, डोटी निवासी दीपेन्द्र, बाजूरा निवासी सुभाष, आछाम निवासी राजन व कुलमी निवासी काजल उर्फ प्रतिमा को अदालत में पेश किया गया। सभी को दो-दो दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए।
पांच जने जोधपुर में थे, नेपाल के तीन युवक और आए
आरोपी राज व काजल तीन-चार माह पहले ही चंदनसिंह के मकान में साफ-सफाई के लिए नौकरी करने लगे थे। इन्हें 10-12 हजार रुपए मासिक दिए जा रहे थे और दोनों सर्वेन्ट रूम में ही रहते थे। मकान मालकिन के रहन-सहन व सोने के आभूषण देख दोनों की नीयत में खोट आ गई थी। एक पखवाड़े पहले उन्होंने लूट की साजिश रचना शुरू की थी। इसके लिए उन्होंने नेपाल-भारत सीमा पर टैक्सी चलाने व वारदात करके आने वालों को सीमा पार कराने में सक्रिय सुभाष, राजकुमार व दीपेन्द्र से बात की थी। उन्होंने लूट को अंजाम देने के बारे में पूछा था। इन तीनों ने मदद के बदले खुद को भी लूट में शामिल कर लिया था। मकान मालिक, मालकिन व पुत्र के शादी में गांव जाने के कार्यक्रम का पता लगते ही राज व काजल ने अन्य साथियों से बात कर शुक्रवार को लूटना तय किया था। सुभाष, राजकुमार व दीपेन्द्र हरियाणा के हिसार में थे। जो सुबह नौ बजे पावटा सर्कल पहुंच गए थे। फिर वे मटकी चौराहा पहुंचे थे, जहां अन्य से मिलकर साजिश को अंतिम रूप दिया था।
मोबाइल फेंके थे, लेकिन भागने का रूट मिला
जहरखुरानी के बाद जेवर लूटकर आरोपी कुछ ही देर में बाहर आ गए थे, जहां से वे ऑटो रिक्शा में पावटा सर्कल और फिर झालामण्ड सर्कल पहुंच गए थे। वहां से काजल व इन्द्र उर्फ गणेश जयपुर जा रही निजी बस और अन्य छह जनों ने 10-10 हजार रुपए में जयपुर जाने के लिए टूरिस्ट कार टैक्सी किराए पर की थी। आरोपियों ने उचियारड़ा से डांगियावास के बीच मोबाइल फेंक दिए थे। उधर, वारदात का पता लगने पर पुलिस ने तलाश शुरू की तो इनकी लोकेशन मिली, लेकिन पुलिस बाइपास पहुंचकर अटक गई थी। यहां से गिरोह के जयपुर होकर नेपाल भागने का अंदेशा हो गया था। इस रूट वाले सभी थानों में वाहनों की जांच कर नेपाल के लोगों को पकड़ने के संदेश भेजे थे। बिलाड़ा थाना पुलिस ने छह और ब्यावर पुलिस ने काजल व इन्द्रको पकड़ लिया था।थानाधिकारी शिवलाल मीणा, कांस्टेबल प्रकाश व सुरेश के तुरंत सक्रिय होने पर आरोपी समय पर पकड़े गए, वरना यह नेपाल सीमा में प्रवेश कर जाते। तिजोरी में होने से सुरक्षित बचे जेवर
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के परिवार के अधिकांश आभूषण तिजोरी या लॉकर में रखे हुए हैं। जो संभवत: राज व काजल जानते थे। इसलिए आरोपियों ने अपने मोबाइल में गूगल पर मकान में चोरी करने और तिजोरी खोलने के तरीके सर्च किए थे। मोबाइल की जांच में यह जानकारी सामने आई।
जहरीला पदार्थ दिया
सुभाष, राजकुमार व दीपेन्द्र बेहोशी की दवा या जहरीला पदार्थ अपने साथ नेपाल से लेकर आए थे। जो मटकी चौराहे पर राज व काजल को दे दिया था। उन्होंने काजल को बताया था कि नशीली चाय पीने के कुछ देर में मुंह से पानी या झाग निकलेंगे, तब उन्हें सूचित कर देना। राज व काजल ने नशीली चाय पिलाते ही ठीक ऐसा ही किया था। छह युवक चंदनसिंह महेचा के मकान पर पहुंच गए थे। तीन युवक लूटने के लिए अंदर गए थे और तीन बाहर रैकी करते रहे थे। सोने के दो कड़े व मीनाकारी का हार लूटकर भाग गए थे, जो पुलिस ने बरामद किए हैं।