राजस्थान के जोधपुर के एमबीएम विश्वविद्यालय में चल रही सेमेस्टर परीक्षा के दौरान गुरुवार दोपहर की पारी में एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग के प्रश्न पत्र में कानून मंत्री जोगाराम पटेल की पौत्री के कैलकुलेटर के कवर पर पेंसिल से कुछ लिखा मिला। फ्लाइंग ने इसे नकल का मामला माना।
वहीं परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि यह नकल का केस नहीं बनता है। परीक्षा के दौरान बीटेक थर्ड ईयर सिविल इंजीनियरिंग में अध्ययनरत छात्रा के कैलकुलेटर के कवर पर पेंसिल से कुछ लिखा हुआ था, जिसको फ्लाइंग ने नकल का मामला माना। फ्लाइंग के सदस्य डॉ. अंशु अग्रवाल और डॉ. मनीष कुमार ने केस बनाया। केस बनाकर छात्रा को वापस नई उत्तर पुस्तिका कार्य के लिए दी गई।
यह वीडियो भी देखें गौरतलब है कि एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग परीक्षा के दौरान संख्यात्मक प्रश्न हल करने के लिए कैलकुलेटर का उपयोग किया जा सकता है। परीक्षा केंद्र अधीक्षक डॉ. श्रवणराम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फ्लाइंग ने जो केस बनाया है, मेरी नजर में यह नकल का केस नहीं बनता है। कैलकुलेटर के कवर पर कई बार ऐसे ही कुछ लिखा हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी रिपोर्ट में इस मामले को नकल के तौर पर शामिल नहीं करने को कहा है। वहीं इस मामले में कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि मुझे प्रकरण मेरे पुत्र से ज्ञात हुआ। यह राजनीतिक दबाव बनाने का मामला ही है।
परीक्षाओं के मामलों में कुलपति सीधे इनवॉल्व नहीं रहता। यह परीक्षा नियंत्रक कार्यालय देखता है। कोई भी मामला सीलबंद लिफाफे में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के समक्ष खुलने पर ही सामने आता है।
प्रो. अजय शर्मा, कुलपति, एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर