पुलिस के अनुसार बीजेएस कॉलोनी मोहन नगर बी निवासी सेवानिवृत्त कर्मचारी चैनसिंह (67वर्ष) पुत्र पृथ्वीसिंह राठौड़ के पास 5 जनवरी को अनजान नम्बर से वीडियो कॉल आया। उसकी डीपी में पुलिस वर्दी पहने व्यक्ति की फोटो लगी थी। काॅल करने वाले ने खुद को आइपीएस राजेश प्रधान बताया और कहा कि उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है, जिसकी जांच वह कर रहा है। इसके लिए एसबीआइ में खाते में जमा राशि उसके बैंक खाते में जमा करवा दे। इन धमकियों से वृद्ध दबाव में आ गए। उन्होंने छह जनवरी को ठग के बताए बैंक में प्रभात गर्ग के खाते में आरटीजीएस से 4,05,645.82 रुपए ट्रांसफर कर दिए।
कुछ देर बाद ही ठग ने कॉल कर वृद्ध से कहा कि उसे राशि मिल गई है। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं पाया गया है। एक घंटे बाद वह उसे राशि लौटा देगा, लेकिन वृद्ध के बैंक खाते में राशि जमा नहीं कराई गई। उसने ठग को कॉल किया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया। तब उन्हें साइबर ठगी का पता लगा।
खाता ब्लॉक, लेकिन राशि निकाली
थानाधिकारी शिवलाल मीणा ने बताया कि वृद्ध ने जिस खाते में राशि ट्रांसफर की थी उसे शिकायत मिलते ही ब्लॉक करवा दिया गया, लेकिन साइबर ठग उससे पहले ही खाते से राशि निकाल चुके थे
ये बरतें सावधानी
– किसी भी अनजान व्यक्ति के वीडियो कॉल को रिसीव नहीं करें – फोन पर अनजान व्यक्तियों से बातचीत नहीं करें – अगर कोई व्यक्ति पुलिस का नाम लेकर धमकाता है तो अपने पास के थाने में संपर्क करें – बिना जान-पहचान के आदमी के कहने पर रुपए ट्रांसफर नहीं करें – साइबर ठगी की शिकायत 1930 पर करें