राजस्थान के जोधपुर में माता का थान थाना क्षेत्र में छेड़छाड़ व जातिगत भेदभाव से आहत होकर एक युवती के आत्महत्या करने के मामले में आखिरकार रविवार को तीसरे दिन मांगों पर सहमति बनीं। परिजन पोस्टमार्टम करवाने महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे, लेकिन तभी भाई व बहन की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। उधर, एक आरोपी को अदालत ने रिमाण्ड पर भेज दिया।
पुलिस के अनुसार भदवासिया में मुख्य रोड पर शामियाना लगाकर दिया जा रहा धरना शनिवार रात हटा दिया गया था। परिजन व समाज के लोग पास ही रविवार सुबह छात्रावास में धरने पर बैठ गए थे। छह सूत्रीय मांगे मानने पर ही पोस्टमार्टम कराने पर अड़ गए थे।
मौके पर पहुंचे कई नेता
राज्यसभा सांसद व भाजपा नेता राजेन्द्र गहलोत, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पालीवाल, हनुमान सिंह खांगटा आदि धरनास्थल आए। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमृत जीनगर, सुनील के पंवार, वीरेन्द्रसिंह राठौड़, एडीएम सिटी उदयभानू चारण की मौजूदगी में परिजन व समाज के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता शुरू की गई। दोपहर बाद डीसीपी आलोक श्रीवास्तव भी वार्ता में शामिल हुए। इस दौरान सरकार से अधिकतम मुआवजा दिलाने, दोनों मामलाें की जांच एडीसीपी वीरेन्द्र सिंह से करवाने, परिवार को सुरक्षा और माता का थान थानाधिकारी हटाने का निर्णय हुआ।
इसके बाद परिजन व समाज के लोग पोस्टमार्टम कराने पर सहमत हुए। मृतका का भाई और पुलिस अधिकारी पोस्टमार्टम कराने मोर्चरी पहुंचे, लेकिन तभी भाई व बहन की तबीयत खराब हो गई। चक्कर आने के चलते उन्हें एमजीएच में भर्ती करवा दिया गया। इनकी हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। अब संभवत: सोमवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
पुलिस-प्रशासन को समझाइश में पसीने छूटे
भदवासिया में मुख्य रोड से धरना हटाए जाने के बाद समाज में रोष व्याप्त हो गया था। पुलिस व प्रशासन ने रात को ही वार्ता शुरू की। रात 12 बजे तक वार्ता के बावजूद कोई हल नहीं निकला। दूसरे दिन सुबह फिर वार्ता शुरू की गई। पुलिस व प्रशासन को समझाइश में पसीने छूट गए।
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दूसरा आरोपी व परिजन का सुराग नहीं
प्रकरण में पुलिस ने राजू पुत्र शंकरलाल विश्नोई को गिरफ्तार किया था। उसे कोर्ट में पेश करने पर दो दिन के रिमाण्ड पर भेज दिया गया। उसका भाई विक्की व परिजन अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं। उधर, पुलिस ने धरनास्थल से तीन जनों को हिरासत में लिया।