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Rajasthan: तस्करों का खास था चिमाराम, इसकी लगती थी बोली, 5 बार कर चुका फायरिंग, पुलिस ने ‘तस्कर’ बन पकड़ा

जोधपुर साइक्लोनर टीम की कार्रवाई, छह साल से था फरार, पुलिस पर फायरिंग कर भाग चुका था आरोपी, मारवाड़ में ड्रग्स तस्करी का सरगना है आरोपी

जोधपुरJun 22, 2025 / 08:53 pm

Rakesh Mishra

smuggler of rajasthan

आरोपी चिमाराम। फोटो- पत्रिका

पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) जोधपुर की साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन झंकार के तहत ड्रग्स तस्करी व पुलिस पर फायरिंग के मामलों में छह साल से फरार एक लाख रुपए के इनामी को राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमा पर होटल से पकड़ लिया। आरोपी मादक पदार्थ की सप्लाई लेने के लिए ट्रक में बेंगलूरु से आया था, लेकिन तस्कर बनकर पुलिस ने उसे दबोच लिया।
आइजी रेंज जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर जिले में चौहटन थानान्तर्गत लीलसर गांव निवासी चिमाराम जाट को पकड़ा गया है। वह वर्ष 2019 से फरार था। उदयपुर व जोधपुर रेंज से 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। अब तक उसके खिलाफ 15 मामले दर्ज होने की जानकारी मिली है। कार्रवाई में एसआइ कन्हैयालाल, नेमाराम, देवाराम बिश्नोई, प्रमित चौहान, हेड कांस्टेबल गजराजसिंह, महेन्द्र कुमार, कांस्टेबल महिपाल सिंह, मनीष परमार, राकेश, अशोक कुमार व अशोक परिहार शामिल थे।

ट्रक पर फरारी काटी, ड्रग्स लेने आते ही पकड़ा

पुलिस का कहना है कि साइक्लोनर के गठन के बाद से आरोपी को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे थे। वह एमपी व मेवाड़ से ड्रग्स तस्करी करता था। वह नीमच-मंदसौर के एक मुख्य सप्लायर से ड्रग्स लेता था। उसे पकड़ने के लिए तस्कर बन एमपी के एक गिरोह के गुर्गे से सम्पर्क हुआ।
तकनीक से पुलिस ने उसके मोबाइल को हैक किया। चिमाराम ने बेंगलूरू से सम्पर्क कर दो दिन बाद ड्रग्स लेने आने की जानकारी दी थी। पुलिस सतर्क हो गई। वह ट्रक में था। महाराष्ट्र से एमपी तक तलाशने पर ट्रक का पता लगा। राजस्थान-एमपी सीमा पर वह ट्रक से उतरा और एक होटल में गया, जहां ड्रग्स सप्लायर से मिलना था। पुलिस ने भी तस्कर बन दबिश दी और चिमाराम को पकड़ लिया।
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एस्कॉर्ट के लिए बोली लगती थी आरोपी की

चिमाराम ने ट्रैक्टर और फिर पानी के ट्रैक्टर टैंकर चलाना शुरू किया था। उसकी ड्राइविंग कला से तस्करों की उस पर नजर पड़ी थी। वह विरदाराम फिर श्रीराम बिश्नोई, कौशलाराम व खरथाराम के लिए तस्करी के वाहनों को एस्कॉर्ट करने लग गया था। उससे एस्कॉर्ट कराने के लिए कुख्यात तस्करों में बोली लगती थी। 20 हजार से एक लाख रुपए एक चक्कर के मिलते थे। खरथाराम, विरदाराम, हरीश जाखड़ व ओमप्रकाश की मृत्यु और भैराराम व कौशलाराम के जेल मे होने से चिमाराम सरगना बन गया था।

चार बार पुलिस पर फायरिंग की

चिमाराम ने वर्ष 2015 में धोरीमन्ना, वर्ष 2016 में बाड़मेर के सदर, 2018 में बाड़मेर जिले के नागाणा, वर्ष 2019 में पाली जिले के सुमेरपुर में पुलिस पर फायरिंग की थी। खरथाराम के घर फायरिंग करने में भी आरोपी है।

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