अपने परिवार के साथ मानवेंद्र सिंह राजपुरोहित- फोटो पत्रिका
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट- 2025) में जोधपुर के मानवेंद्र सिंह राजपुरोहित ने ऑल इंडिया 15वीं रैंक हासिल की है। मानवेंद्र सिंह ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में बताया कि वह एम्स दिल्ली में एमबीबीएस करना चाहता है इसके बाद आगे चलकर न्यूरो सर्जन डॉक्टर बनना चाहता है।
मानवेंद्र ने बताया कि उसे शुरू से ही डॉक्टर बनना था, विशेषकर न्यूरो साइंस में उसकी रुचि है। मानवेंद्र ने 720 में से 670 अंक हासिल की किए। वह 6 घंटे कोचिंग, 6 घंटे सोने के अलावा शेष समय में पढ़ाई किया करता था। उसकी स्पोर्ट्स में कोई विशेष रुचि नहीं है। ड्राइंग और बांसुरी बजाना पसंद है।
पेपर देकर आया तब मायूस हो गया
इस साल राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) नीट का काफी टफ पेपर दिया था। मानवेंद्र भी नीट का पेपर देकर आया तब मायूस हो गया था। तब उसे कोचिंग के अलावा घर वालों ने भी समझाया कि इस साल पेपर कठिन होने से कट ऑफ नीचे रहेगी। जैसे-जैसे परीक्षा परिणाम के दिन पास आते गए मानवेंद्र को भरोसा होता गया कि उसको अच्छी खासी रैंक मिलेगी।
यह वीडियो भी देखें
फिजिक्स-मैथ्स में रुचि, बनना है डॉक्टर
मानवेंद्र की फिजिक्स और मैथ्स में रुचि है। उसने छात्र-छात्राओं से भी कहा की परीक्षा की तैयारी के दौरान फिजिक्स को इंटरेस्ट से पढ़ना चाहिए। जब मानवेंद्र से यह पूछा गया की फिजिक्स और मैथ्स में रुचि है तब आईआईटी की ओर क्यों नहीं गए? जवाब मैं मानवेंद्र ने कहा कि उसे शुरू से ही डॉक्टर बनना है। इसलिए उसे बायोलॉजी विषय लेना पड़ा। छात्र-छात्राओं के लिए कहा कि उन्हें एनसीईआरटी के अलावा पाठ्यक्रम से बाहर भी कुछ ध्यान देना चाहिए।
मां के पैर छूकर परीक्षा देने जाता था
भैंसर चावड़ियाली निवासी मानवेंद्र के पिता पुखसिंह राजपुरोहित मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं। माता मंजू कंवर गृहणी है। उसका छोटा भाई नवदीप दसवीं कक्षा में पढ़ता है। वर्तमान में वे आरटीओ कार्यालय के पीछे कॉलोनी में रहते हैं। मानवेंद्र परीक्षा देने से पहले सदैव मां के पैर छूकर जाता था। उसके 12वीं में 96.20% बने थे।