कलाल एक सुलझे हुए अफसर है और बेहद ही मेधावी हैं। वे साधारण परिवार से आते हैं। उन्होनें यूपीएससी 2021 परीक्षा में 371वीं रैंक हासिल की थी। परिवार की बात करें तो उनके पिता डूंगरपुर जिले के ही एक छोटे से गांव डामरी में परचून की दुकान लगाते थे। उनकी पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए शहर का रूख किया। उन्होंने अहमदाबाद की एक यूनिवर्सिटी से बीटेक किया और फिर सरकारी भर्ती परीक्षाओं की भी तैयारी जारी रखी।
सबसे पहले उनको यूपी में आबकारी इंस्पेक्टर का पद मिला। लेकिन उनका सपना प्रशासनिक सेवा थी। पढ़ाई लगातार जारी रखी गई और वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अफसर बने। उसके बाद भी नहीं थमे और तीन महीने के बाद ही यूपीएससी का परिणाम आया। आईएएस बनना चाहते थे लेकिन आईपीएस बने। बिना कोचिंग पहले ही प्रयास में सफलता पाने वाले कलाल का कहना है कि गुरुजनों और परिवार का आर्शीवाद रहा। उनका कहना है कि सफलता का शॉर्टकट नहीं है। मेहनत के बल पर ही बड़े मुकाम पाए जा सकते हैं।