प्रदेश सरकार फोन टैपिंग का ले रही सहारा
बीजेपी नेता आर. अशोक ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपने आंतरिक विरोधियों और विपक्षी दलों दोनों को नियंत्रित करने के लिए फोन टैपिंग का सहारा ले रही है। उन्होेंने कहा कि यह 100 प्रतिशत हो रहा है। सरकार पूरी तरह से फोन टैपिंग में लगी हुई है।
विरोधियों को नियंत्रित कर रही सरकार
बीजेपी नेता अशोक ने आगे कहा कि उन्होंने और केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पहले भी फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने विरोधियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, चाहे वे सत्ताधारी पार्टी के हों या विपक्ष के। मेरे साथ-साथ सभी विपक्षी विधायकों के फोन टैप किए जा रहे हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही ऐसा हो रहा है।
सरकार ने आरोपों को किया खारिज
हालांकि बीजेपी नेता के इन आरोपों को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने खारिज कर दिया। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बीजेपी नेता अशोक को पुलिस में शिकायत दर्ज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा अगर वह चाहते हैं, तो उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज कराने दें। शिकायत मिलने पर करेंगे कार्रवाई
वहीं मामले में
राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि उन्हें और सीएम को अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई शिकायत मिलती है, तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। अभी तक किसी भी पुलिस स्टेशन को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत दर्ज की जाती है और जांच शुरू होती है, तो सरकार कार्रवाई करेगी। परमेश्वर ने यह भी माना कि खुफिया एजेंसियां निगरानी करती हैं, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कार्रवाई के लिए कोई वैध कारण और सरकार की मंजूरी होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हनी-ट्रैप मामला
सुप्रीम कोर्ट ने सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना और न्यायाधीशों सहित कई अन्य लोगों को कथित तौर पर हनी ट्रैप में फंसाने के आरोपों की जांच का निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका की सुनवाई पर अपनी सहमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता विनय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की।