ट्रैक्टर चलाता था महिला का पति
32 साल का धीरेंद्र पासवान ट्रैक्टर चालक था और अपने परिवार के साथ लक्ष्मणखेड़ा गांव में रहता था। उसके परिवार में पत्नी रीना, 75 साल की बधिर मां और 4 साल का बेटा है। पास में ही धीरेंद्र का 23 वर्षीय भतीजा सतीश पासवान रहता था। रीना और सतीश के बीच लंबे समय से अवैध संबंध थे। रीना ने पुलिस को बताया कि एक दिन उसका पति उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में देख बैठा था. इसके बाद दोनों का मिलना-जुलना बंद हो गया।
तीन लोगों को फंसाया
सुबह होते ही रीना ने गांव वालों के सामने रोना-धोना शुरू कर दिया और गांव के तीन लोगों – कीर्ति यादव, रविंद्र यादव और राजू यादव के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रविंद्र और राजू को जेल भेज दिया।
कॉल डिटेल से पुलिस को हुआ शक
मामले की गहराई से जांच करते हुए पुलिस को रीना पर शक हुआ. जब रीना के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई तो पता चला कि वह लगातार भतीजे सतीश के संपर्क में थी. इसके अलावा, दोनों के मोबाइल से अश्लील तस्वीरें भी बरामद की गईं.
पति ने रंगे हाथ पकड़ा
वहीं पुलिस द्वारा पूछताछ में रीना ने स्वीकार किया कि उसके और सतीश के बीच प्रेम संबंध थे. पति धर्मेंद्र ने दोनों को एक बार रंगे हाथों पकड़ा था और पाबंदी लगा दी थी. जिसके बाद दोनों ने धर्मेंद्र की हत्या की योजना बनाई थी.
खाने में मिलाई नींद की गोली
महिला ने पति धीरेंद्र को रास्ते से हटाने का सोच लिया था। उसने पति के खाने में नींद की गोलियां मिला दी। उस दिन बढ़िया खाना बनाया पति को बढ़े ही चाव से खिलाया। धीरेंद्र ने पूरा खाना खाया और सोने के लिए चला गया। नींद की गोली वजह से धीरेंद्र पूरी तरह से बेहोशी की हालत में था। घर की टूटी चौखट से की पति की हत्या
पुलिस को रीना ने बताया कि जब उसका पति धीरेंद्र सो रहा था तो उसने भतीजे(प्रेमी) से हत्या करने के लिए कहा तो भतीजे जैसे ही चाचा की हत्या करने के लिए चला तो उसके हाथ पांव कांपने लगे। फिर रीना ने वहीं पास में पड़े घर के टूटे चौखट को उठाया और पति के सिर पर कई वार किए, जिससे धीरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।
एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि रीना और सतीश के खिलाफ हत्या, साजिश और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया है। वहीं, झूठे आरोप में जेल भेजे गए दो युवकों के पक्ष में अब 169 की कार्रवाई की जाएगी ताकि उन्हें रिहा किया जा सके।