‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब खुलेंगे और राज़ ? विदेश सचिव ने दी ब्रीफिंग, आरोपों पर मचा सियासी घमासान
Operation Sindoor Briefing: ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संसद की समिति को पूरी जानकारी दी। वहीं राहुल गांधी के सवालों पर सरकार ने कहा, पाकिस्तान को कोई ऑपरेशन डिटेल नहीं दी गई थी, सिर्फ कूटनीतिक संदेश था।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी संसदीय समिति को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में बताते हुए। ( फोटो क्रेडिट: ANI)
Operation Sindoor Briefing: भारतीय कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत की ओर से शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor0’ के बारे में अब राजनीतिक और कूटनीतिक बहस तेज़ हो गई है। इस मसले पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Foreign Secretary briefing India) ने सोमवार को संसदीय समिति की बैठक में तसल्ली से जवाब दिया। उन्होंने समिति को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की एयरस्ट्राइक डिटेल्स, पाकिस्तान के जवाब (India Pakistan military update) और 10 मई के सीजफायर समझौते से पहले की पूरी स्थिति को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। ध्यान रहे कि हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान-“ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पाकिस्तान को संदेश भेजा गया (Operation Sindoor controversy)”-के बाद विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़” और एक “संवैधानिक अपराध” करार दिया।
संसद की विदेश मामलों से जुड़ी स्थायी समिति की बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि ऑपरेशन में भारत ने 23 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया, और बाद में पाकिस्तानी एयरबेस और रडार इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया। वहीं 10 मई को अमेरिका के मध्यस्थ प्रयासों के बाद सीजफायर की सहमति बनी, जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स पर घोषणा की। बैठक में कांग्रेस, तृणमूल, AIMIM और बीजेपी समेत कई दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
जयशंकर के बयान पर क्या बोले अफसर (Rahul Gandhi vs Jaishankar)?
सूत्रों के अनुसार, समिति में जयशंकर के बयान और राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विशेष चर्चा हुई। अफसरों ने कहा कि विदेश मंत्री का बयान संदर्भ से काट कर पेश किया गया है और “पूर्व सूचना” का अर्थ सैन्य कार्रवाई के खुलासे से नहीं, बल्कि राजनयिक स्तर पर संदेशवाहन से है।
राहुल गांधी vs सरकार -राजनीतिक तापमान चरम पर
राहुल गांधी ने जयशंकर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, “क्या दुश्मन देश को पहले से ऑपरेशन की सूचना देना भारत की रणनीति है?” उन्होंने यह सवाल संसद के अंदर और बाहर, दोनों जगह उठाया। सरकारी सूत्रों और बीजेपी नेताओं ने जवाब में कहा कि राहुल गांधी राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को भी सस्ती राजनीति का मंच बना रहे हैं। संसदीय समिति में भी कांग्रेस, AIMIM, टीएमसी और बीजेपी के सांसदों के बीच तीखी बहस देखी गई।
भारत दुनिया को क्या बताएगा (Parliament panel on Sindoor strike) ?
भारत सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और आपरेशन सिंदूर के बारे में भारत का पक्ष रखने के लिए 7 प्रतिनिधिमंडल गठित किए हैं, जिनमें 59 सदस्य शामिल हैं। ये डेलिगेशन UNSC सदस्य देशों और दुनिया के प्रमुख राष्ट्रों का दौरा करेंगे और चे वहां पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर में भारत की स्थिति स्पष्ट करेंगे।
बड़ा सवाल: क्या आगे और खुलासे होंगे?
क्या पाकिस्तान को भेजे गए संदेश का कोई लिखित या डिजिटल रिकॉर्ड है? क्या भारत ने इस ऑपरेशन को लेकर अमेरिका या UNSC को पूर्व सूचना दी थी?
क्या 10 मई को हुआ सीजफायर भारत की रणनीति का हिस्सा था या अंतरराष्ट्रीय दबाव का नतीजा? बहरहाल इन सवालों के जवाब शायद अगले कुछ दिनों में सामने आएं। लेकिन इतना तय है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक विमर्श का केंद्र बन गया है।