जर्मन शेफर्ड क्यों हुआ हिंसक?
जाने माने डॉग एक्सपर्ट वीरेन्द्र शर्मा के अनुसार बदलते जमाने के साथ डॉग्स में कई तरह की बीमारियां पनप रही हैं। ऐसे में अधिकांश डॉक्टर इन्हें स्टेरॉइड देते हैं। कई मामलों में स्टेरॉइड के साइड इफेक्ट होते हैं जिसके चलते डॉग्स का व्यवहार बदल जाता है। इसी स्टेरॉइड के कारण चिड़चिड़ापन हो जाता है। शर्मा के अनुसार नियमित एक्सरसाइज और दवाइंयों की अधिकता के कारण डॉग्स का विजन ब्लर हो जाता है जिसके कारण कई बार डॉग्स अपने पराए की पहचान भी नहीं कर पाते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार कुछ संभावित कारण भी हो सकते हैं जिसके कारण कई बार डॉग्स आक्रमक हो जाते हैं।बस और तेल टैंकर में हुई भीषण भीड़ंत, चीख पुकार के बीच तेल लूटते दिखे लोग
अत्यधिक तनाव और उत्तेजना– यदि कुत्ते को पर्याप्त शारीरिक व्यायाम या मानसिक गतिविधियां नहीं दी जाती हैं, तो वह चिड़चिड़ा हो सकता है।गलत प्रशिक्षण या दुर्व्यवहार– यदि कुत्ते के साथ गलत व्यवहार किया गया हो मारपीट जैसी घटना, तो वह भविष्य में आक्रामक हो सकता है।
दवाइयों के कारण– डॉक्टर अक्सर पालतू डॉग्स को स्टेरोइड देते हैं जिसके कारण कई बार साइड इफेक्ट हो जाता है लेकिन ये मूक प्राणी अपनी तकलीफ नहीं बता पाते।
पालतू का असमाजिक होना– लगातार बंधा रहना, नए लोगों से ज्यादा मिलना-जुलना न होना भी कुत्ते की हिंसा को बढ़ा सकता है।
जर्मन शेफर्ड ने मालकिन को नोच-नोच कर मार डाला, दो घंटे तक तड़पती रही महिला
क्या पहले भी भारत में ऐसी घटनाएं हुई हैं?
यह पहली बार नहीं है जब किसी पालतू कुत्ते ने अपने ही मालिक पर हमला किया हो। कुछ ऐसी घटनाएं पहले भी भारत में हो चुकी हैं।लखनऊ (2022): एक पिटबुल कुत्ते ने अपनी 80 वर्षीय महिला मालकिन पर हमला कर उनकी जान ले ली थी।