उत्तर प्रदेश के कानपुर के कलेक्टरगंज गल्ला मंडी में बीते 13 मई को ई रिक्शा बैटरी में विस्फोट के बाद आग लग गई। देखते-देखते आग इतनी विकराल हो गई कि किसी को संभालने का मौका नहीं मिला। केमिकल कारखाने में रखे केमिकल के ड्रम, सिलेंडर, बैटरी को अपनी चपेट में ले लिया। देखते-देखते धमाके होने लगे। आग ने करीब 150 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। बीते मंगलवार को लगी आग रह रहकर बुधवार को भी धधकती रही। दमकल कर्मचारियों को सर्च अभियान चलाने में परेशानी हुई। सर्च चलाने के दौरान एक श्रमिक का कंकाल मिला। जो दुकान से नहीं निकल पाया और जिंदा ही जलकर दर्दनाक मौत हो गई।
व्यापारी नेता बोले- पानी की व्यवस्था नहीं
घटना को लेकर व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने बताया कि कन्जेस्टेड एरिया होने के कारण दमकल विभाग की गाड़ियों को आने में काफी समय लग जाता है। तब तक सब कुछ जलकर खाक हो जाता है। पुराने जमाने में होजेल पाइप के माध्यम से आग बुझाई जाती थी। अब वह व्यवस्था नहीं रह गई है। व्यापारियों की मांग है कि हमें वह पॉइंट चाहिए जहां से आग बुझाने के लिए हमें पानी मिल जाए। आज पानी की आपूर्ति बड़े-बड़े मॉल से हो रही है। शहर में पानी की व्यवस्था कहीं भी नहीं है।
नंद गोपाल नंदी पहुंचे अस्पताल
योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी उर्सुला अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने कलेक्टर गल्ला मंडी में लगी आग में झूलसे श्रमिकों और व्यापारियों से बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने व्यापारियों को हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों को अच्छे इलाज की सलाह दी।
24 घंटे बाद मिला कंकाल
गल्ला मंडी में लगी आग को बुझाने के बाद दमकल कर्मियों सर्च अभियान चलाया। जिसमें एक कंकाल मिला। जिसकी शिनाख्त परिवार वाले नहीं कर सके। लेकिन साथ काम करने वालों ने उसकी शिनाख्त गया प्रसाद विश्वकर्मा उर्फ पंडित के रूप में की। पुलिस डीएनए के माध्यम से कंकाल के शिनाख्त कराएगी।