दरअसल रोडवेज डिपो कार्यालय के विभिन्न अनुभागों सहित करौली, महवा व हिण्डौन बस स्टैण्ड पर टिकटघर में परिचालकों के कार्य करने से बस संचालक स्टाफ का टोटा हो गया। ऐसे में आगार प्रबंधन अन्य परिचालकों के विश्राम में कटौती कर बसों का संचालन कर रहा था। लगातार रूट पर चल रहे परिचालकों के अवकाश लेने व सेहत संबंधी कारणों को हवाला देने से दो माह से 9 बसों का संचालन बंद हो गया था।
परिवहन विभाग को विशेष पथ कर (एसआरटी) जमा कराने के बावजूद बसों के कार्यशाला से बाहर नहीं निकलने से रोडवेज को दो रहा नुकसान हो रहा था। गत दिनों रोडवेज मुख्यालय से सभी परिचालकों को मार्गों पर भेजने के सख्त आदेश के बाद डिपो के मुख्य प्रबंधक संदीप सांखला ने महवा बस स्टैण्ड से 2, करौली से एक तथा हिण्डौन डिपो कार्यालय व स्टैण्ड से 6 परिचालकों को रूटों पर नियुक्त कर बस संचालन पर भेज दिया। इधर कार्यशाला से ड्राइवर कम कंडक्टरों को बस स्टैण्डों पर लगाया गया है। वहीं कार्यालय में शेष रहे कार्मिकों को दोहरी-तिहरी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन मार्गों पर शुरू हुई रोडवेज बसें
रोडवेज डिपो सूत्रों के अनुसार दफ्तर व टिकटघर से निकल परिचालकों के रूट पर आने से 6 मार्गों पर 9 बसों का दौड़ना शुरू हो गया है। इसके तहत टोंक, कैलादेवी-जयपुर, अलवर-धौलपुर, बालाजी- दिल्ली, कैलादेवी-धौलपुर, भुसावर मार्ग पर बसों का संचालन शुरू हो गया है।
इनका कहना है
बसों की एसआरटी जमा कराने के साथ सभी शेड्यूलों पर बसों का संचालन शुरू कर दिया है। बंद पड़े 9 मार्गों पर बसें चलने से यात्रियों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में हिण्डौन व करौली में डिपो में 5५ बसों की एसआरटी जमा कराई गई है। –मोहम्मद तजम्मुल, एमओ रोडवेज डिपो, हिण्डौनसिटी रोडवेज डिपो सूत्रों के अनुसार बसों के प्रदेश की सभी सड़कों पर संचालन की अनुज्ञा के लिए प्रतिमाह परिवहन विभाग में विशेष पथ कर (एसआरटी) जमा कराया जाता है। परिचालकों कमी के कारण एक जून को 7 बसों को एसआरटी रोक डिपो में खड़ा कर दिया। 4 जून को कार्यालयों से परिचालकों को रूटों पर भेजने पर एसआरटी जमा कराई गई। मई माह में 36 बसों की एसआरटी जमा हुई थी। जो जून माह में बढ़ कर 42 हो गई है।