स्लीमनाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य का उन्नयन करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया। 28 जनवरी 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद का लोकार्पण सांसद वीडी शर्मा ने किया था। वर्तमान में स्लीमनाबाद तहसील अंतर्गत 81 गांव है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी से 81 गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा है।
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सामयिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ही डॉक्टर है। जिससे उनका अधिकांश समय बैठकों, सरकारी जानकारियां भेजने और अन्य दूसरे कामों में चला जाता है, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इसके कारण मरीजों का इलाज झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे है। जानकारी के बाद भी अधिकारी और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से भगवान भरोसे ही चल रही है। लोगों को अस्पताल में डॉक्टर तो मिलते नहीं हैं जिससे उन्हें मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों से ही इलाज कराना पड़ रहा है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
डॉक्टरों के पद खाली
डॉक्टरों सहित अनेक पद पड़े खाली जानकारी के तहत स्लीमनाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 पद डॉक्टर, 3 पद विशेषज्ञ, वार्ड वाय के 3 पद है, जिनमें से ये सभी पद रिक्त है। इससे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित है। लैब टेक्नीशियन व लैब अटेंडेंट का 1-1 पद, फार्मासिस्ट का 1 पद, एएनएम, स्वीपर, चौकीदार के पद खाली है। इन पर्दा की पूर्ति के लिए विभागीय अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि लोकार्पण हुए 15 माह हो गए हैं। यह भी पढ़े –
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डॉक्टर शिवम् दुबे कहा कि यह बात सही है कि डॉक्टरों सहित स्वास्थ्य अमले की कमी है। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक रिक्त पदों की पूर्ति नहीं हुई। जिस कारण जो स्वास्थ्य अमला है उसी से स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराया जा रहा है। वहीँ बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडेय का कहना है कि ‘स्टॉफ की कमी है यह सही है। चिकित्सकीय स्टॉफ के रिक्त पदों की पूर्ति हो जिससे मरीजों को समुचित उपचार मिले इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री से भेंटकर मांग की जाएगी।’