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कटनी

इस जिले में दर्ज हुए हजारों प्रकरण, अपराधों पर नहीं लगी लगाम

Ten thousand FIRs in Katni

कटनीJan 05, 2025 / 08:36 pm

balmeek pandey

Traffic Police

पुलिस ने अपराधों पर कसी लगाम, 9,635 प्रकरणों में से 8,937 निपटाए, पिछले एक साल में दर्ज हुए हजारों प्रकरण, कई अपराधों से अबतक पुलिस नहीं उठा पई पर्दा, हत्या, चोरी, डकैती के नहीं खुले राज, नहीं मिलता त्वरित न्याय, 7 हजार से अधिक ने ली सीएम हेल्पलाइन की शरण

कटनी. जिले में पुलिस ने अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए तेजी से कार्रवाई की है। साल 2024 में जिले के 17 थानों में कुल 9 हजार 635 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से 8 हजार 937 प्रकरणों का समाधान पुलिस ने तत्परता से किया। हालांकि 430 प्रकरणों का निराकरण अब भी लंबित है, जिन पर पुलिस काम कर रही है। शहर के तीन प्रमुख थानों—कोतवाली, माधवनगर और कुठला में दर्ज अपराधों की संख्या सबसे अधिक रही। प्रत्येक थाने में लगभग एक हजार के आसपास प्रकरण दर्ज किए गए। इन अपराधों में संगीन मामले, जैसे हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, चोरी और डकैती, मारपीट, एक्सीडेंट, गांजा, स्मैक और शराब तस्करी शामिल हैं।
पुलिस की कार्रवाई के बावजूद जिले में संगीन अपराध पूरी तरह से खत्म नहीं हो सके हैं। हत्या, लूट और बलात्कार जैसे अपराधों ने समाज को झकझोरा है। पुलिस का दावा है कि संगीन मामलों पर निगरानी बढ़ाई गई है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। कटनी में तस्करी के मामलों में पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं। गांजा और स्मैक तस्करी के साथ ही शराब की अवैध बिक्री पर पुलिस ने कार्रवाई की है। इसके तहत कई आरोपी गिरफ्तार किए गए और बड़ी मात्रा में अवैध सामग्री जब्त की गई। हालांकि पुलिस ने अपराधों में कमी लाने की दिशा में काम किया है, लेकिन लंबित प्रकरणों और संगीन अपराधों से निपटना अभी भी चुनौती बना हुआ है। आधा दर्जन से अधिक हत्या, एक दर्जन से अधिक बड़ी चोरियां लंबित हैं। संगीन अपराधों को रोकने में पुलिस विफल रही है।
पुलिस ने तलाशे 301 बालक-बालिका
सालभर में जिले में 282 बालक-बालिका गुमे हैं। वहीं पूर्व से गुमे हुए बालक-बालिकाओं की संख्या 143 रही है। इन सभी को मिलाकर पुलिस ने तलाशी में तत्परता दिखाई और 301 बालक-बालिकाओं को दस्तयाब किया है। दस्तयाबी में सर्वाधिक संख्या बालिकाओं की 247 रही है, जबकि 54 बालक तलाशे गए हैं। 39 का अभी भी पता नहीं चल पाया।
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यह है जिलेवार दर्ज अपराधों की स्थिति (2009-24)
थाना एफआइआर निकाल लंबित प्रकरण प्रतिशत
एनकेजे 571 505 41 7.2
कोतवाली 1013 931 65 6.4
कुठला 988 930 37 3.7
महिला 44 38 03 6.8
माधवनगर 1143 1015 80 7.0
रंगनाथनगर 389 330 32 8.2
अजाक 16 14 02 12.5
ढीमरखेड़ा 534 531 03 0.6
बहोरीबंद 475 454 12 2.5
बाकल 452 433 11 2.4
स्लीमनाबाद 738 682 40 5.4
उमरियापान 387 371 09 2.3
बरही 672 630 23 3.4
कैमोर 424 379 13 3.1
विगढ़ 605 586 09 1.5
बड़वारा 698 644 33 4.7

रीठी 486 464 17 3.5

योग 9635 8937 430 4.5

खास-खास:

  • 443 लंबित हैं जिलेभर में 2024 के पहले के अपराध।
  • 260 अपराधों का किया गया निकाल जो 2024 के पहले के हैं।
  • 183 अपराधों का 2024 के पहले का अबतक नहीं हो पाया निकाल।
  • 247 अपराध 2024 के जिलेभर में रह गए हैं लंबित।
  • 430 प्रकरण 2009 से लेकर 2024 तक हैं जिलेभर में लंबित।
  • 4.5 प्रतिशत प्रकरणों का नहीं हो पाया जिलेभर में निकाल।
शहर के तीन थानों में सर्वाधिक प्रकरण
शहर के तीन थानों में सबसे ज्यादा प्रकरण दर्ज हुए हैं। सबसे ज्यादा माधवनगर थाने में 1050 एफआइआर हुई हैं। 2009 से 24 तक लंबित मामले मिलाकर 1143 मामले थे। इसी प्रकार कोतवाली थाने में 2024 में 966 एफआइआर हुई हैं और 2009 से 24 के पहले तक 65 मामले लंबित थे। कुल 1013 मामलों का निराकरण कराना था। इसी प्रकार कुठला थाने में 2024 में 960 एफआइआर हुईं और इनमें से 930 का निकाल किया गया, जबकि 37 मामले पूर्व के लंबित थे, जिनकी संख्या बढकऱ 988 हो गई थी।
इन थानों में सबसे कम अपराध
जिले के कई थानों में कम अपराध हुए हैं। सबसे कम अपराध अजाक थाने में 16, महिला थाने में 41, उमरियापान में 378, कैमोर 386, रीठी 473 मामले, बाकल 442, बहोरीबंद 462, रंगनाथनगर में 356 मामले दर्ज हुए हैं। स्लीमनाबाद, बड़वारा, विजयराघवगढ़, बरही, एनकेजे में भी पांच-पांच सौ से अधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं।

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7238 लोगों ने ली 181 हेल्पलाइन की शरण
पुलिस थानों में जब सुनवाई नहीं हुई तो पीडि़तों ने सीएम हेल्पलाइन 181 की शरण ली। एक साल में 7 हजार 338 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई। दर्ज इन शिकायतों में से पुलिस ने 6 हजार 422 का निराकरण कराया गया। शिकायतों के निराकरण में सात थानों विजयराघवगढ़, कुठला, उमरियापान, बरही, कैमोर, ढीमरखेड़ा व रीठी की ग्रेडिंग ए-प्लस रही है जबकि अजाक थाना की बी व शेष 10 थानों की ए-ग्रेडिंग रही है।
वर्जन
जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकस है। अपराधों के समाधान के लिए तकनीक का इस्तेमाल और गश्त को मजबूत किया गया है। साइबर सिक्योरिटी, ड्रग्स व नशे के कारोबार पर नियंत्रण, यातायात सुरक्षा को लेकर फोकस रहेगा। सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। साइबर टीम छोटी है, वर्कलोड अधिक है। इस टीम को बढ़ाया जाएगा। हाइटेक तकनीक से दक्ष किया जाएगा। मुख्यालय के निर्देशों का पालन होगा। हत्या और चोरी के प्रकरणों की जांच जारी है।
अभिजीत रंजन, एसपी।

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