छत्तीसगढ़ पर्यटन, पुरात्तव विभाग और कबीरधाम जिला प्रशासन के साझा प्रयास से पर्यटन विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शनिवार को दिल्ली जाने से पहले सुबह छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष नीलू शर्मा एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों कलेक्टर व जनप्रतिनधियों के साथ भोरमदेव मंदिर परिसर में बैठक लेकर स्वदेश योजना के तहत विकसित होने वाले भोरमेदव कॉरिडोर विकास कार्यों के संबंध में गहन समीक्षा की।
इस दौरान बताया गया कि केन्द्र सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत भोरमदेव मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण, संवर्धन और समग्र विकास के लिए 146 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है। स्वदेश योजना के तहत भोरमदेव कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इससे भोरमदेव मंदिर सहित आसपास के मंदिर और पर्यटन क्षेत्र कनेक्ट होंगे। पर्यटन मंडल के अधिकारियों द्वारा प्रारंभ स्थल से लेकर अंतिम स्थल तक की विस्तृत कार्य योजना की जानकारी प्रस्तुत की गई।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना की व्यापक कार्य योजना को शीघ्र क्रियान्वित करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि क्षेत्र का पर्यटन विकास तेजी से आगे बढ़ सके।
Bhoramdev Corridor: तालाब सौंदर्यीकरण कांवड़ियों के डोम
वहीं तालाब क्षेत्र को भी सौंदर्यीकरण कर विकसित किया जाएगा। चारों ओर एकसमान पत्थरों से बैठने की सुविधा, म्यूजिकल फाउंटेन और कैचमेंट क्षेत्र का पानी संचित करने की व्यवस्था भी की जाएगी। परिसर में भंडारा भवन, कांवड़ियों के लिए डोम, सीढ़ियों पर छायायुक्त डोम, स्टेज और पार्किंग की व्यवस्था, अनेक स्थानों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। यह रही विकास कार्य की रुपरेखा
भारत दर्शन योजना के तहत भोरमदेव के मुख्य मंदिर का भव्य रूप से विकास किया जाएगा जिसमें 6 शानदार प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। इनमें नागद्वार, पार्क, संग्रहालय और अन्य प्रमुख स्थानों पर विशेष द्वार स्थापित किए जाएंगे। पूरे मंदिर परिसर को एकीकृत स्वरूप देने के लिए परिधि दीवारों का संवर्धन किया जाएगा। भोरमदेव मंदिर जो एक विशाल प्राकृतिक चट्टान पर स्थित है उसके समीप एक अत्याधुनिक संग्रहालय का निर्माण प्रस्तावित है जो वर्तमान संग्रहालय की तुलना में चार से पांच गुना बढ़ा होगा।
इसके तहत गार्डन तक पहुंचने के लिए नई सीढ़ियों का निर्माण, बैठने के लिए पिलर हॉल, चिल्ड्रन पार्क, प्रसाद मंडप (रसोई सहित) अनुष्ठान भवन, यज्ञ स्थल व सार्वजनिक शौचालय, नागद्वार तक रैंप और सीढ़ियों की सुविधा, मुख्य प्रवेश द्वार और मेला ग्राउंड की ओर से पार्किंग सहित प्रवेश द्वार, श्रद्धालुओं के लिए हजारों जोड़ी जूते रखने की व्यवस्था की जाएगी।
मड़वा महल और छेरकी महल का भी समग्र विकास
मड़वा महल और छेरकी महल का भी समग्र विकास किया जाएगा। दोनों स्थलों पर प्रवेश द्वार, बाउंड्री वॉल की साज-सज्जा, बोरवेल से पेयजल व्यवस्था, शेड निर्माण, बिजली व ड्रेनेज की व्यवस्था की जाएगी। भोरमदेव से मड़वा महल और छेरकी महल तक की सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। आसपास के तालाबों की सफाई, रामचुआ और सरोदा जलाशयों का विकास, मंदिर परिसर में लाइटिंग और ऑडियो डिस्क्रिप्शन की व्यवस्था भी परियोजना का हिस्सा है।