पहली घटना कुकदूर थानाक्षेत्र के ग्राम बाहपानी की है, जहां की रहने वाली दो महिलाएं रामबाई व तिहारी बाई की
आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। कुकदुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित गांव भल्लीनदादर में मंगलवार शाम 5 बजे करीब चरोटा भाजी तोड़ने गए रामबाई पति भगत राम दूसरा तिहारी बाई पति ज्ञान सिंह दोनो सगी बहन है। अपने घर से दो किलोमीटर दूर पहाड़ के नीचे चरोटा भाजी तोड़ने गए थे। इसी बीच अचानक तेज बारिश ओर बिजली कड़कना शुरू हो गया।
प्रत्यदर्शियों का कहना है एक छाते में दोनों भीगने से बचने के लिए चार पेड़ के नीचे थे। तभी अचानक तेज बिजली कड़कने से दोनो छिटक गए। एक मुंह के बल नीचे गिरी वहीं दूसरी महिला सिर के बल नीचे गिर गई। आकाशीय बिजली के चपेट में वही मौत हो गई। घर के लोग शाम होने पर खोजबीन शुरू किए, लेकिन नहीं मिले। फिर दूसरे दिन बुधवार सुबह जंगल में खोजबीन के बाद उनका शव पड़ा मिला। इसकी कुकदुर पुलिस को तुरंत सूचना दी गई, पुलिस मार्ग कायम कर पोस्टमार्टम कर परिजन को शव सौंप दिया गया है।
एक की मौत, दूसरी घायल वहीं दूसरी घटना तरेगांव क्षेत्र के ग्राम धोवराटोला मुड़घुरसी की है जहां खेत में रोपा का काम कर रही रामप्यारी पिता रमहू बैगा(१६) नाम की लड़की की आकाशीय बिजली से मौत हो गई है। वहीं बुरी तरह से झुलसी परसदिया बाई पिता केजू(१७) को गांव वालों ने परपरागत तरीके से उसे कोदो अनाज में दबाकर रखे थे। उनका मानना है कि आकाशीय बिजली की चपेट में आए, व्यक्ति को इस तरह से रखने से उसके शरीर में गर्मी आती है, वो ठीक हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शायद अस्पताल ले जाते तो उसकी जान बच सकती थी। वहीं घटना में एक अन्य महिला घायल है, जिसका उपचार चल रहा है। पुलिस ने मृतिका रामप्यारी का शव पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। तीनों ही मामले में पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही है।
मानसून सक्रिय… जिले में मानसून सक्रिय है और कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के मौसम में वज्रपात और आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। आकाशीय बिजली गिरने से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत रहती है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक हर साल बिजली गिरने से देशभर में औसतन 2500 लोगों की मौत हो जाती है।
सावधानी बरतें यदि आप बाहर हैं और बारिश शुरू हो जाए तो तुरंत किसी सुरक्षित जगह पर जाएं। घर या मकान में आश्रय लें लेकिन टिन या धातु से बनी छत वाले मकानों से दूर रहें।
यदि खुले आसमान के नीचे हों तो तुरंत दुबक जाएं। जमीन पर न तो लेटें और न ही अपने हाथ लगाएं। कभी भी पेड़ के नीचे न खड़े हों। एक स्थान पर भीड़ न लगाएं। सभी फैलकर खड़े हों।
बाइक चलाते समय फोन का उपयोग बिलकुल न करे। ईयर फोन को निकाल दें। यदि आप कार, बस या ढ़के हुए गाड़ी के अंदर हैं तो वहीं रहना सुरक्षित है। घर के बाहर धातु की वस्तुएं इस्तेमाल न करें। बिजली और टेलीफोन के खंभों से दूर रहें।
पानी के अंदर न रहें, पूल और झील व नाव से तुरंत बाहर निकल जाएं। यदि आप घर के अंदर हैं तो तूफ़ान आने से पहले घर के सभी इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्लग निकाल दें। तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों और दरवाजे से दूर रहें व बरामदे में न खड़े हों।
अगर बिजली का झटका लग जाए तो जरूरत के मुताबिक व्यक्ति को सीपीआर यानी कृत्रिम सांस देनी चाहिए। तुरंत प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करनी चाहिए।