मामला पंडरिया ब्लॉक के ग्राम भरेवापूरन का है जहां किसान जनकलाल चंद्राकर की खसरा नंबर 332/2 ख में स्थित 3 एकड़ 11 डिसमिल जमीन कथित रूप से एक दबंग व्यक्ति ने हड़प ली है। किसान के पास पर्ची, पट्टा और सरकारी सोसायटी में फसल बेचने के दस्तावेज मौजूद है बावजूद इसके उसे उसकी जमीन नहीं मिल रही।
आवेदक जनक लाल चंद्राकर ने बताया कि ग्राम के व्यक्ति रामकुमार से भूमि विवाद है जिसके चलते रामकुमार चंद्राकर द्वारा 16 अप्रैल 2025 में 332/3/क रकबा 2.70 एकड़ भूमि का कब्जा दिलाने का डिक्री पारित किया गया है। पीड़ित ने
आरोप लगाया कि पटवारी, राजस्व निरीक्षक व तहसीलदार से मिलीभगत, लेन-देन व सांठ-गांठ कर आवेदक की भूमि खसरा नंबर 332/2 ख का कब्जा बिना राजस्व दस्तावेज देखे अनावेदक रामकुमार को अवैध ढंग से दे दिया गया।
जबकि आवेदक, राजस्व अधिकारी व कर्मचारियों को बोल रहा था कि अनावेदक रामकुमार की भूमि खसरा नंबर 332/3/क है और मेरी भूमि का खसरा नंबर 332/2/ख है। इस तरह से उसकी भूमि को अवैध ढंग से कब्जा दे दिया गया। जमीन के मालिकाना हक़ को लेकर न्याय की आस में बैठा किसान अब प्रशासन की कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहा है, क्योंकि यह कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुका है। बावजूद उसकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।
सीमांकन भी नहीं किए सीमांकन के लिए आवेदन पत्र न्यायालय तहसीलदार कुण्डा के समक्ष दिया गया था जिस पर तहसीलदार कुण्डा द्वारा 15 अप्रैल को सीमांकन कार्य करने के लिए आदेश जारी किया गया है। लेकिन राजस्व निरीक्षक व हल्का पटवारी द्वारा सीमांकन कार्य पूर्ण नहीं किया गया है।
मामला संज्ञान में आया है। जांच के लिए टीम गठित की जाएगी। चाहे कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो अगर जमीन किसान की है तो उसे न्याय मिलेगा। -संदीप ठाकुर, एसडीएम पंडरिया