जिले में पिछले एक साल में चौथी बार भूगर्भीय हलचल महसूस की गई है। पिछले साल 21 जून को सुबह 9.04 बजे भूगर्भीय हलचल महसूस की गई थी। तब भूकंप का केंद्र जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर जलकुआं, रामपुर कलां रहा था। तब भी करीब 30 सैकंड का ट्रैमर बताया गया था, जिसकी तीव्रता 3.6 रिक्टर पैमाने पर थी। ये झटका जिले के करीब 60 से अधिक गांवों में महसूस हुआ था। इसके बाद 22 अक्टूबर को भी पंधाना तहसील के ग्राम जामलीखुर्द खापरी गांव में भूगर्भीय हलचल महसूस हुई थी। इसके बाद 1 नवंबर को ग्राम जामलीखुर्द खापरी गांव में दोपहर 2.10 बजे झटके महसूस किए गए। तब इसकी तीव्रता 0.3 रिक्टर स्कैल रही थी।
डॉ. सौरव गुप्ता ने बताया कि अभी वर्तमान में अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी के बीच मानसूनी तंत्र में सक्रियता बढऩे एवं भूमि के तापमान में बदलाव होने से इस प्रकार की परिस्थितियां बनने की संभावना है। अत: आमजन निम्न सलाह का पालन करें।
-घर में टांड़ (रेक) पर रखे भारी सामान को जमीन पर रखें।
-गमलों को दीवार पर न रखें।
-सभी आपातकालीन संपर्क नंबर (जैसे फायर ब्रिगेड, मेडिकल एवं पुलिस सहायता दल) को अपने मोबाइल में सुरक्षित करके रखें।
-उपयोग न होने की स्थिति में गैस सिलेन्डर एवं बिजली के स्विच बंद रखें।
-भूकंप का झटका महसूस होते ही तुरंत घर से बाहर निकलकर खुली जगह खड़े हो जाएं।
पश्चिमी विक्षोभ और प्री-मानसूनी गतिविधियों का असर लगातार जारी है। बुधवार को भी दिन में तेज धूप के बाद शाम को आसमान पर बादल छाए और कुछ देर तेज बारिश हुई। डॉ. गुप्ता ने बताया कि स्थानीय सिस्टम के चलते बारिश हुई है। ग्राम केहलारी, जावर, खालवा ब्लॉक, पंधाना ब्लॉक में भी बारिश दर्ज की गई है। गुरुवार को भी ऐसी ही स्थिति रहेगी। बादलों और ठंडी हवाओं के चलते दिन और रात के तापमान में भी 2.4-2.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री और न्यूनतम 20.0 डिग्री दर्ज किया गया।