दरअसल 25 अक्टूबर वर्ष 2017 में ओंकारेश्वर निवासी भरत यादव ने लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर में तत्कालीन प्रभारी प्रबंधक (मप्र मत्स्य महासंघ सहकारी, मर्यादित ओंकारेश्वर जलाशय) और कंप्यूटर ऑपरेटर (मास्टर कर्मी) राजेश यादव के खिलाफ शिकायत की थी। भरत ने आरोप लगाया था कि उनसे नाव व इंजन छोड़ने के लिए दोनों ने 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।
इसके बाद भरत यादव की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने 27 अक्टूबर, वर्ष 2017 को कार्रवाई की। भरत ने आरोपी राजेश यादव और तत्कालीन प्रभारी प्रबंधक को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते समय ओंकारेश्वर कार्यालय में रंगे हाथों पकड़वाया था। इस मामले में राजेश यादव को सजा हुई है।