कोरबा में एक साथ 6 शवों का किया गया अंतिम संस्कार, नम आंखों से ग्रामीणों ने दी विदाई, महाकुंभ जाते वक्त हुआ था हादसा
Horrible accident in Prayagraj: कलमीडुगु गांव में एक साथ 6 अर्थियां उठीं, जिसे देखकर हर आंख नम हो गई। शवयात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ, मानो हर कोई अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई देने आया हो।
Korba News: कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जाते समय सड़क दुर्घटना में मारे गए कोरबा के 10 श्रद्धालुओं का शव उनके निवास स्थल पर पहुंचा। सोमवार सुबह स्थानीय मुक्तिधाम में एक साथ 6 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया जबकि चार मृतकों का दो स्थान पर अंतिम संस्कार किया गया।
कोरबा के कलमीडुग्गू में रहने वाले 6 लोगों का अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम में किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कलमीडुग्गू के लोग उपस्थित थे। सभी की आंखें नम हो गई थी। परिवार की एक बुजुर्ग सदस्य का रो-रोकर बुरा हाल था। बच्चों के आंखों में भी आंसू थे। 10-11 फरवरी की रात उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर जिले में भीषण सड़क हादसा हुआ था। इसमें श्रद्धालुओं की बोलेरो यात्री बस से टकरा गई थी।
बोलेरो पर सवार श्रद्धालु कोरबा के दर्री थाना क्षेत्र के रहने वाले थे। घटना स्थल पर ही 10 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें बोलेरो ड्राइवर के अलावा कलमीडुग्गू दर्री क्षेत्र में रहने वाले 6 श्रद्धालु के अलावा पड़ोसी जिले बिलासपुर लोरमी के दो और जांजगीर-चांपा जिले के एक श्रद्धालु शामिल थे।
कोरबा से प्रयागराज के लिए निकले थे
सभी एक ही बोलेरो पर सवार होकर कोरबा से प्रयागराज के लिए निकले थे। उत्तरप्रदेश मिर्जापुर प्रशासन ने कानून कार्यवाही के बाद दुर्घटना में मारे गए श्रद्धालुओं का शव अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया। कलमीडुग्गू में रहने वाले 6 श्रद्धालुओं का शव उनके आवास स्थान पर पहुंचा तो लोगों की आंखें आंसुओं से भरे हुए थे, माहौल गमगीन था। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। महिलाओं और बच्चों के आंख से आंसू थम नहीं रहे थे। मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए सभी शवों को सामाजिक रीति-रिवाज को पूरा कर स्थानीय मुक्तिधाम में लाया गया जहां उनका दाह संस्कार किया गया।
घटना से कलमीडुग्गू में मातम पसरा हुआ है। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना ने परिवार को ऐसा जख्म दिया है जिसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे। घटना ने परिवार का सपना भी तोड़ दिया है। किसी से माता-पिता का साया छीन गया तो किसी के माथे का सिंदुर उजड़ गया है। घटना के दिन से ही इस क्षेत्र का माहौल गमगीन है। लोग शोक में डूबे हुए हैं। जब शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तब परिवार के सदस्यों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले उनके रिश्तेदार भी पहुंचे थे। आसपास के लोग भी मुक्तिधाम परिसर में मौजूद थे।
श्रम मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
इधर श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन सोमवार सुबह मृतकों के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार से मुलाकात की और उनका ढांढस बंधाया। मंत्री ने श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी संवेदना प्रकट की। मंत्री ने स्वेच्छानुदान मद से सभी मृतकों के परिवार को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की। देवांगन ने इस घटना को हृदय विदारक बताते हुए कहा कि शोकाकुल परिवार की हरसंभव मदद शासन-प्रशासन की ओर से की जाएगी। इस अवसर पर मंत्री के साथ बड़ी संख्या में अन्य लोग भी उपस्थित थे।
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