CG News: केंदई के जंगल में पहुंची बाघिन
CG News: 16 दिसंबर को इस बाघिन को चिरमिरी में वन विभाग ने बेहोश कर कॉलर आईडी लगाया था और इसे अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था। यहां से बाघिन चलकर मरवाही वनमंडल के रास्ते कटघोरा क्षेत्र के जंगल में दाखिल हुई थी। अब धीरे-धीरे कटघोरा वनमंडल को भी पार कर रही है और कोरिया वनमंडल की तरफ बढ़ रही है।
जंगल में विचरण करते
बाघिन की तस्वीर वन विभाग के कैमरों में कैद हुई है। इस बीच बाघिन ने मंगलवार की शाम केंदई रेंज में एक जंगली सुअर का शिकार किया। शिकार से संबंधित ऑडियो वन विभाग के कंट्रोल रूम में भी सुनाई दे रही थी। इसके लिए वन विभाग ने जब बाघिन को बेहोश कर कॉलर आईडी लगाया था उसी दौरान एक ट्रांजिस्टर चिप भी लगाया था। यह चिप बाघिन की आवाज को रिकार्ड कर विभाग के कंट्रोल रूम को भेजता है।
हाथियों ने बनाई दूरी
वर्तमान में बाघिन केंदई रेंज में विचरण कर रही है। यह वही जंगल है जहां वर्तमान में हाथियों का झुंड भी विचरण कर रहा है। हालांकि यह झुंड कई हिस्सों में चल रहा है। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को जब बाघिन केंदई रेंज में पहुंची तब इस रेंज में हाथियों का झुंड भी चल रहा था और यहां लकड़बग्घा भी मौजूद है। मगर बाघिन ने जिस स्थान पर
हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है उससे दूरी बना ली है और हाथियों के बीट से एक अलग जंगल के बीट में चल रही है।
मगर जहां अभी बाघिन ने जंगली सुअर का शिकार किया वहां लकड़बग्घा की भी मौजूदगी है और भालू की मौजूदगी की भी पुष्टि हुई है। लेकिन बाघिन ने इनमें से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है और न ही वह इन जानवरों के सामने अभी गई है। वहीं हाथियों के झुंड ने भी बाघिन से दूरी बना ली है।
4-5 दिन में एक शिकार
केंदई के जंगलों में विचरण कर रही बाघिन की उम्र लगभग 4 चार साल है। वह किशोरावस्था में है। वन विभाग की ओर से बताया गया है कि बाघिन चार से पांच दिन में एक शिकार करती है और शिकार के मांस को खाने के बाद आगे निकल जाती है।