CG News: ऑपरेटर भुवन राज आई थी चोट प्रबंधन ने नहीं दी थी जानकारी
बताया जा रहा है कि नागपुर से डीजीएमएस की मैक्निकल टीम रविवार को कोरबा पहुंची। टीम ने मानिकपुर खदान का जायजा लिया। शाम को डंपर शेड पर पहुंची। गौरतलब है कि 19 मई की रात एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना में 60 टन क्षमता का एक डंपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एसईसीएल में डंपर आपरेटर के पद पर कार्यरत भुवन राज घटना की रात अपने ड्यूटी पर पहुंचा था। डंपर आपरेट करने से पहले उसे एक्सवेसन की टीम द्वारा सबकुछ ठीक होने का हवाला देकर डंपर ले जाने की अनुमति दी गई थी।
CG News: दुर्घटना की नहीं दी गई थी जानकारी
डंपर आपरेटर 60 टन क्षमता वाले इस डंपर को लेकर खदान में पहुंचता, इससे पहले ही बीच रास्ते में डंपर के पिछले हिस्से का चारों चक्का, एक्सेल सहित टूटकर अलग हो गया। दुर्घटना में आपरेटर भुवन राज को चोट आने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं दूसरी तरफ इस हादसे के दौरान कोयला परिवहन में लगे वाहन डंपर की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए थे। इससे बड़ा हादसा टल गया। इस घटना से प्रबंधन को काफी नुकसान हुआ था। इधर घटना के बाद प्रबंधन इस दुर्घटना की जवाबदारी तय करने के बजाये उसे दबाने का प्रयास करते रहे। देखरेख के अभाव में करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ था। बताया जा रहा है कि डीजीएमएस की टीम सोमवार को भी जांच करेगी। इस दौरान दुर्घटना के कारण सहित विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी। टीम के मानिकपुर खदान पहुंचने के बाद से प्रबंधन की परेशानी बढ गई है।
CG News: बचते रहे अफसर
डीजीएमएस की टीम जब एसईसीएल के मानिपुर खदान के डंपर शेड पर पहुंची। इस दौरान मीडिया ने टीम से बातचीत का प्रयास किया। लेकिन एसईसीएल के अफसर डीजीएमएस की टीम को मीडिया से दूरी बनाने का प्रयास किया गया। ताकि किसी तरह की पोल नहीं खुल जाए। 19 मई की रात एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना में 60 टन क्षमता का एक डंपर हुआ था दुर्घटनाग्रस्त
खदान में हुए छोटी-बड़ी सभी दुर्घटना की जानकारी डीजीएमएस को देने का प्रावधान है। बताया जा रहा है कि लेकिन इतनी बड़ी
दुर्घटना की जानकारी प्रबंधन ने डीजीएमएस को नहीं दिया था। एरिया सेटी कमेटी से जांच कराकर इस पूरे घटना का दबाने का प्रयास स्थानीय प्रबंधन की ओर से किया गया था। इसके बाद भी टीम की नजर इस दुर्घटना पर पड़ी और जांच कर रही है।