CG News: छत्तीसगढ़ बनने के बाद ढाई दशक में पहली बार गुरु घासीदास तमोर पिंगला से बाहर चार बाघ आबादी क्षेत्र के नजदीक दहाड़ रहे हैं। इससे पहले जंगल में कभी-कभी एक टाइगर नजर आता था। मामले में फॉरेस्ट अमला टाइगर विचरण एरिया में तैनात है। साथ ही टाइगर व ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर समझाइश भी दी जा रही है।
जानकारी के अनुसार कोरिया वनमंडल के बैकुंठपुर जंगल में तीन टाइगर विचरण कर रहे हैं। दो टाइगर एक साथ हैं। जिसमें एक नर और एक मादा हैं। जबकि तीसरा टाइगर अलग विचरण कर रहा है। यह एरिया टाइगर रिजर्व से महज 12 किलोमीटर दूर है। मामले में वन अमले ने जगह-जगह ट्रैप कैमरे लगाए हैं। साथ ही टाइगर के हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। टाइगर मूवमेंट एरिया के ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की समझाइश दी जा रही है।
पटना क्षेत्र के टेमरी में पहली बार एक टाइगर भैंस को शिकार बनाते कैमरे में कैद हुआ था। उसके बाद से आसपास एरिया के जंगल में डेरा जमाया हुआ है। इस क्षेत्र में भोजन व पानी की पर्याप्त उपलब्धता होने के कारण टाइगर की संख्या बढ़ी है। फिलहाल जंगल में सुअर, चीतल सहित गाय-भैंस को अपना भोजन बनाते हैं।
वहीं चौथा टाइगर देवगढ़ वनपरिक्षेत्र में विचरण कर रहा है। जो दो-तीन मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है। जंगल में मृत मवेशियों के आसपास टाइगर के पगमार्क पाए गए हैं। देवगढ़ परिक्षेत्र में तीन महीने पहले भी बाघ ने दो भैंस को शिकार बनाया था। हमला वाले स्थल पर बाघ के पंजों के निशान पाए थे। घटना स्थल सोनहत क्षेत्र की बताई जाती है।
टाइगर रिजर्व से टेमरी एरिया की दूरी 12 किलोमीटर है। उस एरिया में पानी, भोजन की पर्याप्त उपलब्धता है। टाइगर मूवमेंट की लगातार रिपोर्टिंग हो रही है। अध्ययन व वॉच सहित सुरक्षा कर रहे हैं। मार्च तक टाइगर के उस एरिया में अधिक मूवमेंट को लेकर बेहतर बता पाएंगे। – सौरभ सिंह ठाकुर, डायरेक्टर गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व कोरिया
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