Ration on Mountain: Video: यहां पहाड़ पर चढऩे के बाद ही लगता है 400 लोगों का अंगूठा, तब मिलता है राशन
Ration on Mountain: 5 गांव के राशन कार्डधारियों की मजबूरी, गांव में नेटवर्क नहीं होने से हर माह ग्रामीणों को परेशानी का करना पड़ता है सामना, बारिश के मौसम में जान का बना रहता है खतरा
बैकुंठपुर. एसमीबी जिले के पांच गांवों के 400 राशनकार्डधारी हर माह पहाड़ (Ration on Mountain) पर चढक़र अंगूठा लगाते हैं, इसके बाद ही उन्हें राशन नसीब होता है। दरअसल ग्राम पंचायत में नेटवर्क नहीं है, ऐसे में ई-पॉश मशीन काम नहीं करता है। बिना मशीन में अंगूठा लगाए राशन नहीं मिलता। ऐसे में उन्हें पथरीली रास्तों से होते हुए पहाड़ पर चढऩा पड़ता है। यहां नेटवर्क आता है, इसके बाद बारी-बारी से 400 ग्रामीणों का अंगूठा लगता है और राशन वितरण किया जाता है। बारिश के दिनों में लोग सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं।
एमसीबी जिले के वंनाचल क्षेत्र भरतपुर विकासखंड में ग्राम पंचायत गढ़वार है। इसके आश्रित 5 गांवों में 400 राशन कार्डधारी हैं। इन्हें ऑनलाइन राशन वितरण (Ration on Mountain) से भारी परेशानी हो रही है। बारिश के मौसम में बारी-बारी पथरीले रास्ते से पहाड़ पर चढक़र ई-पॉस मशीन में अंगूठा लगाते हैं।
Thumb impression machine आश्रित गांव पटपरटोला, चंदेला, दर्रीटोला, मनटोलिया के लोगों को हर महीने राशन हेतु पहाड़ (Ration on Mountain) पर चढऩा पड़ता है, जो गांव से पांच किलोमीटर दूर है। अभी बारिश में अधिक परेशानी हो रही है। पहाड़ 50 फीट ऊंचा है। यहां चढक़र ग्रामीणों को राशन के लिए ऑनलाइन एंट्री करानी पड़ती है। मजबूरी ऐसी है कि ग्रामीण भीगते, फिसलन भरे पहाड़ पर चढ़ते हैं।
Villagers climb on mountain for Ration इस दौरान महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। ग्रामीण कहते हैं कि कुछ लोग बारिश से बचने के लिए छाता तो कोई प्लास्टिक से खुद को ढक पहुंचते हैं, फिरं मशीन में अंगूठा (Ration on Mountain) लगाते हैं। इसके बाद राशन दुकान लौटकर चावल उठाते हैं। कई बार पहाड़ पर नेटवर्क की समस्या होने के कारण घंटों इंतजार करना पड़ता है।
सरपंच एवं राशन दुकान संचालक रामफल पंडो ने बताया कि मैं कई बार खाद्य विभाग को जानकारी दे चुका हूं। कि गांवों में नेटवर्क की समस्या के कारण बहुत परेशानी होती है। ऑफलाइन दुकान की मांग भी कर चुके हैं। क्योंकि 4जी नेटवर्क नहीं होने के कारण ई-पॉस मशीन नहीं चलती है। इसलिए पहाड़ पर चढऩा पड़ता है।
लेकिन अधिकारी कहते हैं कि धीरे-धीरे मशीन (Ration on Mountain) चलेगी, बारिश के दिनों में गांव वालों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। ऑफलाइन दुकान नहीं होगी। अब सिर्फ ऑनलाइन राशन दुकान ही चलेगी।
Villagers are climbing on mountain for ration
Ration on Mountain: ये कहते हैं ग्रामीण
पंचलाल का कहना है कि चावल लेने के लिए आए हैं। अभी तक अंगूठा (Ration on Mountain) नहीं लगा है। पूरा दिन पहाड़ पर बैठना पड़ता है। बारिश के मौसम में भी जंगल में पहाड़ चढक़र ऑनलाइन एंट्री कराने आना पड़ता है।
Villagers problem in Rainy season वहीं हितग्राही सुंदरलाल सिंह का कहना है कि आने-जाने में बहुत समस्या होती है। लेकिन राशन लेने के लिए जाना पड़ता है। गांव से करीब 5 किलोमीटर दूर पहाड़ के ऊपर जाना पड़ता है।
भरतपुर एसडीएम शशि शेखर मिश्रा का कहना है कि ऐसी समस्या (Ration on Mountain) मेरी जानकारी में नहीं है। ग्रामीण बोल रहे हैं तो देखता हूं। समस्या का समाधान कराने पहल की जाएगी।
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