Josaa counselling 2025 : टॉप रैंकर्स ने नकारे कई आईआईटी संस्थानों की सीएसई ब्रांच
संस्थान की प्रतिष्ठा बनी छात्रों की पहली पसंद, ब्रांच नहीं रही एकमात्र आधार


देशभर के टॉप रैंकर्स ने इस वर्ष जोसा काउंसलिंग 2025 के प्रथम राउंड में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई) ब्रांच को चुनने में संयम बरता है। विशेषकर जब बात आईआईटी जोधपुर, मंडी, भुवनेश्वर, धनबाद, भिलाई, गोवा, पलक्कड़, धारवाड़ एवं जम्मू जैसे नए अथवा अपेक्षाकृत कम प्रतिष्ठित संस्थानों की हो।
टॉप-2000 कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल) रैंक पाने वाले छात्रों ने इन संस्थानों की सीएसई ब्रांच को प्राथमिकता नहीं दी, भले ही उन्हें वहां आसानी से प्रवेश मिल सकता था। छात्रों ने इसके बजाय प्रमुख आईआईटी संस्थानों की अन्य ब्रांच जैसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि को चुना। उदाहरण के रूप में सीआरएल रैंक 418 वाले छात्र ने आईआईटी बॉम्बे में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को वरीयता दी। सीआरएल रैंक 1112 वाले छात्र ने आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को चुना। सीआरएल रैंक 1885 वाले छात्र ने आईआईटी खड़गपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को चुना। इन सभी को सीएसई ब्रांच मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने संस्थान की गुणवत्ता और प्रतिष्ठा को ब्रांच के ऊपर रखा।
9 आईआईटी संस्थानों की सीएसई ब्रांच की ओपनिंग-क्लोजिंग रैंक्स
(2025 राउंड-1):(श्रेणी: ओपन/जेंडर न्यूट्रल, ब्रांच: 4 वर्षीय बीटेक सीएसई)
आईआईटी ओपनिंग रैंक क्लोजिंग रैंक
जोधपुर 2035 2844
भुवनेश्वर 2344 3785
मंडी 2096 3087
धनबाद 2143 3348
भिलाई 4462 6384
गोवा 4176 5626
पलक्कड़ 4530 5736
धारवाड़ 3812 6242
जम्मू 4298 5988
क्या कहता है विश्लेषण?
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा के अनुसार, अब यह स्पष्ट है कि टॉप रैंक लाने वाले विद्यार्थी केवल ब्रांच के नाम पर निर्णय नहीं ले रहे, बल्कि संस्थान की गुणवत्ता, रिसर्च-संभावनाएं, प्लेसमेंट, ब्रांड वैल्यू जैसे पहलुओं को भी गंभीरता से ले रहे हैं। यह प्रवृत्ति भारतीय तकनीकी शिक्षा में परिपक्वता का संकेत है।
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