राजस्थान का यह शहर अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित, यहां दिन और रात में अलग-अलग होगी मॉक ड्रिल, सायरन बजते ही करना होगा ऐसा
Mock Drill in Kota : केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों की पालना में कोटा में भी बुधवार को मॉक ड्रिल एवं ब्लैक आउट किया जाएगा। कोटा को अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।
कोटा। वर्तमान परिदृश्य में नागरिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण एवं क्रियाशीलता के आकलन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों की पालना में कोटा में भी बुधवार को मॉक ड्रिल एवं ब्लैक आउट किया जाएगा। कोटा को अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।
जिला कलक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी, शहर पुलिस अधीक्षक डॉ अमृता दुहन व ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर बिफि्रंग की। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल दिन और रात में अलग-अलग होगा। उन्होंने लोगों को मॉक ड्रिल के संबंध में दिए गए निर्देशों की पालना करने की अपील की है। जिले में 15 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास प्रस्तावित है। इस दौरान नागरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जिले भर में ब्लैकआउट का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।
जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक की अपील
जिला कलक्टर गोस्वामी और पुलिस अधीक्षक डॉ दुहन ने नागरिकों से अपील है कि इस महत्वपूर्ण अभ्यास में पूर्ण सहयोग दें। आमजन से निवेदन है कि वे ज्यादा चिंतित न हों। यह एक जागरूकता कार्यक्रम है। यह न केवल हमारी तैयारी को दर्शाएगा बल्कि आपदा की स्थिति में जीवन रक्षा के लिए आवश्यक अभ्यास है। आपका अनुशासन ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। अफवाहों से बचें, प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें और जागरूक नागरिक की भूमिका निभाएं। जिला कलक्टर व एसपी ने बताया कि दिन में सायरन बजते ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाना है। रात में ब्लैक आउट के दौरान सभी प्रतिष्ठानों, घरों और रोड लाइटें भी बंद रहेगी। इस दौरान लोग घरों में ही रहे।
ब्लैकआउट क्या होता है?
ब्लैकआउट एक सुरक्षा अभ्यास है, जिसमें किसी आपदा, विशेषकर हवाई हमले या युद्ध की आशंका के समय सभी प्रकार की रोशनी को बंद कर दिया जाता है, ताकि दुश्मन किसी रिहायशी या रणनीतिक स्थान की पहचान न कर सके।