कोटा में तैयार हो रहा देश का 29वां साइंस सेंटर, खेल-खेल में विद्यार्थियों को मिलेगी विज्ञान और खगोल की जानकारियां
Kota News: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक निदेशक विकास शर्मा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत यह सेंटर बनाया जा रहा है। यहां गति, ऊर्जा, चुंबकीय सिद्धांत, प्रकाश के परावर्तन-अपवर्तन, टॉर्नेडो निर्माण, साउंड और इंफ्रारेड जैसे वैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रयोगों के माध्यम से समझाया जाएगा।
National Science Day: शिक्षा नगरी कोटा में अब विज्ञान और खगोल से जुड़ी जानकारियां बच्चों को खेल-खेल में मिलेंगी। सिटी पार्क के पास साइंस सेंटर और डिजिटल प्लेनेटोरियम का निर्माण तेजी से जारी है। अब तक 40% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और दिसंबर तक सिविल कार्य पूरा होने की संभावना है। देश का 29वां डिजिटल प्लेनेटोरियम होगा, जहां विद्यार्थी 3डी में खगोलीय घटनाओं और ग्रह-नक्षत्रों को समझ सकेंगे। प्रो. सीवी रमन की याद में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है। कोटा के लिए साइंस सेंटर खास रहेगा, क्योंकि शिक्षा नगरी में भावी डॉक्टर-इंजीनियर तैयार होते हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक निदेशक विकास शर्मा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत यह सेंटर बनाया जा रहा है। यहां गति, ऊर्जा, चुंबकीय सिद्धांत, प्रकाश के परावर्तन-अपवर्तन, टॉर्नेडो निर्माण, साउंड और इंफ्रारेड जैसे वैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रयोगों के माध्यम से समझाया जाएगा। इसमें कई साइंस गैलेरी होंगी, जिनमें नेचुरल रिसोर्सेज, पर्यावरण, पर्वत, फिजिक्स, जूलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे।
इसी साइंस सेंटर परिसर में अब इनोवेशन हब भी बनेगा। केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से 2.6 करोड़ से इस केन्द्र का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इसमें हॉल ऑफ फेम, इनोवेशन रिसोर्स सेंटर, आइडिया लैब, डिजाइन स्टूडियों, जोड़-तोड़ फोड़ एरिया, कबाड़ से जुगाड़, गतिविधि कॉर्नर बनेंगे। राज्य सरकार ने हाल ही में 2025-26 में इसके बजट की घोषणा कर दी है।
50 इनडोर, 50 आउटडोर मॉडल्स
नए साइंस सेंटर में 80-85 सीटों वाला ऑडिटोरियम बनाया जाएगा, जहां विज्ञान से जुड़ी फिल्में दिखाई जाएंगी। इसके अलावा, 50 इनडोर और 50 आउटडोर वैज्ञानिक मॉडल लगाए जाएंगे। सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नैनो टेक्नोलॉजी, एस्ट्रोफिजिक्स और बायोटेक्नोलॉजी जैसे विषयों को भी शामिल किया जाएगा। लगभग 35 करोड़ की लागत से बनने वाले इस साइंस सेंटर के सिविल निर्माण के बाद मशीनों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही एक मिनी तारामंडल भी तैयार किया जाएगा, जो विद्यार्थियों को विज्ञान की दुनिया से जोड़ने में मदद करेगा।