scriptभावुक मिलन : बॉक्स खुला और शावक दौड़ा, छह दिन से इंतजार कर रहे भालू के बच्चे को आखिर मिल गई मां | The box opened and the cub ran out, the bear cub's emotional reunion with its mother after six days of separation | Patrika News
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भावुक मिलन : बॉक्स खुला और शावक दौड़ा, छह दिन से इंतजार कर रहे भालू के बच्चे को आखिर मिल गई मां

wildlife rescue : भालू के बच्चे की तलाश में जुटा पूरा गांव। भटकते शावक को मिला सहारा, वन विभाग की मेहनत रंग लाई ।

कोटाMar 31, 2025 / 12:45 pm

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कोटा जिले के शंभूपुरा गांव में मिले भालू के शावक की अपनी मां से पुनर्मिलन की कहानी सिर्फ एक वन्यजीव घटना नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और वन्यजीव संरक्षण की प्रेरणादायक मिसाल है। यह घटना बताती है कि अगर सही प्रयास किए जाएं, तो मानव और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखना संभव है।

संवेदनशीलता और प्रयासों की जीत

24 मार्च को ग्रामीण बच्चों को झाड़ियों में मिला एक नन्हा भालू का शावक उनकी जिज्ञासा का केंद्र बन गया। बच्चे उसे स्कूल ले गए, जिसके बाद वन विभाग ने शावक को अपने संरक्षण में ले लिया। लेकिन असली चुनौती उसकी मां को ढूंढकर उसे फिर से जंगल में मिलाने की थी।

यह है पूरा मामला, इस तरह हुआ मिलन

कोटा जिले के शंभूपुरा गांव में 24 मार्च को झाड़ियों में मिले भालू के शावक को आखिरकार वन विभाग की टीम ने उसकी मां से मिलवा दिया। यह मिलन न सिर्फ वन्यजीव प्रेमियों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए हर्ष का विषय बन गया। वन विभाग की टीम ने लगातार छह दिनों तक दिन-रात मेहनत कर मादा भालू की तलाश की और आखिरकार सफलता हासिल की।

मंदिर के पुजारी से मिली अहम जानकारी

वन विभाग की टीम को 10 किलोमीटर दूर शोपुरिया गांव के शिव मंदिर के पुजारी से सूचना मिली कि मंदिर के पास बनी एक गुफा में पिछले दो-तीन सालों से एक मादा भालू रह रही है। पुजारी ने बताया कि इस बार भालू के दो बच्चे हुए थे, लेकिन कुछ दिनों से उनमें से एक लापता था। वन विभाग को जैसे ही यह जानकारी मिली, टीम तुरंत सक्रिय हो गई और शावक को लेकर मंदिर की ओर रवाना हो गई।

शावक देखते ही दौड़ा मां के पास

वन विभाग की टीम रात करीब 9 बजे शोपुरिया गांव पहुंची और शिव मंदिर के पास गुफा के नजदीक शावक को एक बॉक्स में रख दिया। जैसे ही बॉक्स खोला गया, शावक तेजी से कूदकर गुफा की ओर भागा और सीधे अपनी मां के पास पहुंच गया। मादा भालू ने कुछ क्षण तक शावक को सूंघकर उसकी पहचान की और फिर उसे अपनी पीठ पर बैठा लिया। यह दृश्य देखकर वन विभाग की टीम और स्थानीय लोग भावुक हो गए।
वन विभाग के रेंजर बुद्धाराम जाट ने बताया कि ऐसा संभव है कि मादा भालू भोजन की तलाश में शंभूपुरा गांव की ओर गई हो और इसी दौरान उसका बच्चा उससे बिछड़ गया हो। छह दिनों तक टीम ने शंभूपुरा और आसपास के इलाकों में मादा भालू की तलाश की और अंततः सफलता मिली।

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