मध्यप्रदेश के बड़े बांध गांधीसागर से किए जा रहे जल प्रवाह से रावतभाटा राणा प्रताप सागर बांध छलकने के करीब पहुंच गया है। गांधीसागर से शुक्रवार पांच स्लूज गेट खोल जल प्रवाह शुरू किया था। मंगलवार दोपहर 1 बजे पांचों गेट बंद कर दिए गए है।
अब गांधीसागर से विद्युत उत्पादन शुरू किया जाएगा। इधर शाम पांच बजे राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1155.40 फीट पर पहुंच गया है। गांधीसागर बांध का जलस्तर 1288.77 फीट रह गया है। इसकी भराव क्षमता 1312 फीट है।
777 एमसीएम पानी आया पांच दिन में
राणा प्रताप सागर बांध में पिछले पांच दिनों में 777 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी गांधीसागर से आया है। शुक्रवार दोपहर को गांधी सागर के पांच गेट खोलकर जल प्रवाह किया गया। तब राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर 1140.71 फीट था। पांच दिनों में बांध में 14.69 फीट पानी बढ़ा है। मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग जयपुर द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के तहत ग्रीन को ग्रुप द्वारा 1920 मेगावाट पंप स्टोरेज परियोजना के निर्माण के लिए गांधीसागर बांध से 891.944 एमसीएम जल प्रवाहित करने की अनुमति जारी की गई थी।
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क्या होता है पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट?
गांधीसागर बांध के कैचमेंट में बन रहे पंप स्टोरेज बांध निर्माण के बाद मई माह में गांधीसागर का जल स्तर कम करने के लिए पांच गेट खोल पानी की निकासी के बाद आमजन में पंप स्टोरेज परियोजना के बारे में जिज्ञासा जगी है। दरअसल पंप स्टाेरेज पावर परियोजना क्लीन, ग्रीन व सेफ प्रोजेक्ट है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट को वाटर बैटरी भी कहा जाता है।
इस परियोजना के तहत सस्ती ऊर्जा के समय पानी को ऊपरी रिजरवायर में पंप किया जाता है। विद्युत की मांग बढ़ने और महंगी होने पर पानी को ऊपरी रिजरवायर से निचले रिजरवायर में ले जाकर बिजली पैदा की जाती है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पीक डिमांड के समय ऊर्जा का उत्पादन करती है और पानी ऊपरी रिजरवायर में स्टोर करने का कम तब होता है जब बिजली सस्ती होती है।