पर्यटन संभावनाएं तलाशने पहुंचे थे अफसर
रविवार को देवगढ़ क्षेत्र में पर्यटन संभावनाएं परखने और जल जीवन मिशन का जायजा लेने विशेष सचिव रेशम के नेतृत्व में ADM, CDO, BDO और अन्य अफसर पहुंचे थे। पहले दशावतार मंदिर के भग्नावशेष देखे, फिर जैसे ही बौद्ध गुफा की ओर बढ़े, अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। हड़बड़ाहट में अफसर इधर-उधर भागने लगे। कुछ जमीन पर लेट गए, तो कुछ ने गाड़ियों में छिपकर जान बचाई। ADM और CDO मधुमक्खियों का मुख्य निशाना बने।
गांव वालों ने कंबल से बचाई जान
मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार घनेन्द्र तिवारी ने बताया, ‘हम बौद्ध गुफा के पास ही थे, तभी मधुमक्खियों ने हमला किया। ADM व CDO ज्यादा भाग नहीं पाए, इसलिए मधुमक्खियां उन पर टूट पड़ीं। गांव वालों और देवगढ़ कमेटी को खबर दी गई। वे लोग कंबल लेकर पहुंचे और अफसरों को ढंककर बचाया गया।’
CDO समेत कई अफसरों की हालत अब सामान्य
मधुमक्खियों के हमले में मुख्य विकास अधिकारी कमलाकांत पांडे और अन्य तीन कर्मी भी घायल हुए। ADM की हालत गंभीर थी, जिन्हें झांसी रेफर किया गया, जबकि बाकी का इलाज ललितपुर मेडिकल कॉलेज में हुआ। सोमवार सुबह सभी को छुट्टी दे दी गई। घायलों का इलाज कर रहे डॉ. पवन सूद ने बताया, ‘राजेश श्रीवास्तव के चेहरे से करीब 500 डंक निकाले गए। दोनों कानों से चार मधुमक्खियां भी जिंदा निकलीं। कुल 11 घायलों में से तीन को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, आठ को भर्ती किया गया था।’
हमले की वजह: इत्र की खुशबू या छेड़खानी?
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मधुमक्खियां किसी अफसर के इत्र की खुशबू से आकर्षित होकर आई होंगी। हालांकि, जंगल में किसी ने मधुमक्खियों के छत्ते से छेड़खानी की हो, यह संभावना भी जताई गई है। देवगढ़: पर्यटन का खजाना, लेकिन खतरे भी हैं मौजूद
देवगढ़ में ऐतिहासिक महत्व की गुफाएं, दशावतार मंदिर और प्राकृतिक सुंदरता है, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी सामने आई है। घटना ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। मधुमक्खियों के हमले जैसी घटनाओं से अफसरों और पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।