होली के रंग से कैंसर का खतरा (Holi colors cause cancer risk)
होली के रंगों में अक्सर केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो हमारी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। खासकर, कई लोग पक्के रंग खरीदते हैं, ताकि उनका रंग चेहरे पर लंबे समय तक रहे, लेकिन इन रंगों में मौजूद केमिकल्स स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं और यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।रंगों में मिलते हैं अलग-अलग केमिकल्स (Different chemicals are found in colors)
काले रंग में लेड ऑक्साइडहरे रंग में कॉपर सल्फेट
सिल्वर रंग में एल्यूमिनियम ब्रोमाइड
नीले रंग में प्रशियन ब्लू
लाल रंग में मस्करी सल्फाइड जैसे खतरनाक केमिकल्स मौजूद होते हैं।
रंग खरीदते समय सही रंगों का चुनाव करें (Choose the right colors when buying colors)
होली के दौरान रंगों का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि आप जो रंग खरीद रहे हैं, वे सुरक्षित और प्राकृतिक हों। सही रंग का चुनाव पैकेट पर लिखी सामग्री के अलावा भी कई तरीके से किया जा सकता है। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं जिनसे आप सही रंगों का चुनाव करने में मदद ले सकते हैं।हमेशा प्राकृतिक और आर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, क्योंकि ये हानिकारक रसायनों से मुक्त होते हैं और त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते। रंग खरीदते वक्त हर्बल रंगों की ही खरीदें (While buying colours, buy only herbal colors)
हर्बल रंग, जैसे गेंदा, हल्दी, चंदन, गुलाब, आदि से बने रंगों का चयन करें, जो त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं।
पक्के रंगों से बचें, क्योंकि इनमें अक्सर खतरनाक रसायन होते हैं। पानी आधारित रंगों का इस्तेमाल करें, जो आसानी से त्वचा से धुल जाते हैं और इनमें कम हानिकारक केमिकल्स होते हैं।
रंग खरीदते वक्त यह सुनिश्चित करें कि इनमें केवल प्राकृतिक रंग पिगमेंट्स का उपयोग किया गया हो, जैसे चुकंदर, पालक, हल्दी, आदि।
रंगों की पैकिंग पर यह जानकारी जरूर जांचें कि यह कोई हानिकारक रसायन नहीं शामिल करते। अगर पैकिंग पर “खतरनाक रसायन” या “जहरीले तत्व” लिखा हो, तो उस रंग का इस्तेमाल न करें।
अगर रंगों से तेज और अजीब तरह की गंध आती हो, तो वो हानिकारक रसायनों के संकेत हो सकते हैं। ऐसे रंगों से बचें।