क्या होता है सूर्य नमस्कार (What is Surya Namaskar?)
सूर्य नमस्कार केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि इसे रोजाना करने से पूरे शरीर सक्रिय होता है, लचीलापन होता है, पाचन और मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है। इसकी समकालिक श्वास क्रिया और गति शरीर के ऊर्जा को उत्तेजित करती है, जिससे संतुलन और मानसिक शांति मिलती है।12 सूर्य नमस्कार करते दिखी फिटनेस क्वीन मलाइका (12 Fitness queen Malaika was seen doing Surya Namaskar)
सूर्य नमस्कार के 12 आसान स्टेप्स (12 easy steps of Surya Namaskar)
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प्रणामासन (Pranamasana)
खुले मैदान में योगा मैट पर खड़े हो जाएं और सूर्य नमस्कार के अनुसार अपनी स्थिति में खड़े हो जाएं। सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को जोड़कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े रहें।हस्तोत्तानासन (Hastottanasana)
पहली अवस्था में खड़े रहते हुए श्वास लें और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। फिर थोड़ा पीछे की ओर झुकें। ध्यान रखें कि दोनों हाथ कानों के पास सटे हों। हाथों को पीछे ले जाते हुए, शरीर को भी पीछे की ओर झुकाएं।पादहस्तासन (Padahastasana)
सूर्य नमस्कार की खासियत यह है कि इसके सभी आसन एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। हस्तोत्तानासन से सीधे पादहस्तासन की स्थिति में आना होता है। इसके लिए हाथों को ऊपर उठाए रखते हुए, शरीर को आगे की ओर झुका लें। ध्यान रखें कि इस दौरान श्वास धीरे-धीरे छोड़ी जाए। कमर से नीचे की ओर झुकते हुए हाथों को पैरों के पास लाकर रखें, और ध्यान रखें कि इस स्थिति में पैरों के घुटने मुड़े हुए न हों।अश्वसंचलनासन (Ashwasanchalanasana)
श्वास लें और अपनी बाईं टांग को पीछे की ओर लाएं। अपनी दाईं घुटने को 90° के कोण पर मोड़े रखें और हल्का सा ऊपर की ओर देखें, जबकि अपनी पीठ को आर्च करें।संतोलनासन (Santolanasana)
श्वास छोड़ते हुए अपनी दाईं टांग को बाईं टांग के साथ सीधा खींचें। आपका शरीर सिर से एड़ी तक सीधी रेखा में होना चाहिए, और आपके हाथ कंधों के नीचे होने चाहिए।अष्टांग नमस्कार ( Ashtanga Namaskara)
श्वास लें और अपने घुटनों, छाती और ठोड़ी को ज़मीन पर गिराएं। अपनी हिप्स को थोड़ा ऊपर रखें और कोहनियां ऊपर की ओर मोड़े रखें।भुजंगासन (Bhujangasana)
श्वास लें और अपनी हिप्स को नीचे करते हुए अपनी छाती को ऊपर उठाएं। अपनी हथेलियों को जमीन में दबाएं और कोहनियों को हल्का सा मोड़े रखें, जबकि सिर को ऊपर उठाएं।पर्वतासन (Parvatasana )
श्वास छोड़ते हुए अपनी हिप्स को ऊपर उठाएं, जिससे आपका शरीर उल्टे “V” के आकार में बन जाए। अपना सिर दोनों हाथों के बीच रखें और एड़ी को जमीन की ओर दबाएं।अश्वसंचलनासन (Ashwasanchalanasana)
श्वास लें और अपनी बाईं टांग को आगे लाकर दोनों हाथों के बीच रखें। अपनी दाईं घुटने को ज़मीन पर रखें, अपनी पीठ को आर्च करें और हल्का सा ऊपर की ओर देखें।पादहस्तासन (Padahastasana)
श्वास छोड़ते हुए अपनी दाईं टांग को बाईं टांग के पास लाकर मिलाएं। अपने पैरों के पास हथेलियों को जमीन पर रखें और सिर को घुटनों के पास लाने की कोशिश करें।हस्तोत्तानासन (Hastottanasana)
श्वास लें और अपने धड़ को ऊपर उठाएं, और अपनी बाहों को सीधे ऊपर की ओर खींचें। धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें, ध्यान रखें कि घुटने सीधे रहें।नमस्कारासन ( Hastottanasana)
श्वास छोड़ते हुए खड़े स्थिति में वापस आएं और अपने हाथों को छाती के सामने जोड़कर रखें। सामान्य श्वास लें और आराम।शारीरिक फायदे (Physical benefits)
– वजन घटाने में मदद मिलती है।-मांसपेशियां और जोड़ों मजबूत होते हैं।
-त्वचा की रंगत सुधरती है।
-पाचन तंत्र बेहतर रहता है।
-रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं।
-आंतरिक अंगों का काम ठीक रहता है।
-तंत्रिका तंत्र संतुलित रहता है।
-रक्त शर्करा का स्तर कम होता है।
-तनाव कम होता है।
-पूरे शरीर का पोस्चर बेहतर होता है।